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    उत्तराखंड: शिक्षा विभाग का नया कारनामा, पद खाली हुए बिना दूसरी शिक्षिका को दे दी पोस्टिंग; ऐसे खुला मामला

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 24 Nov 2020 10:28 AM (IST)

    तबादलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले शिक्षा विभाग में नया कारनामा सामने आया है। ताजा मामला देहरादून जिले के डोईवाला स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला का है जहां पद रिक्त ना होने के बावजूद विभाग ने उत्तरकाशी से शिक्षिका को तबादला दे दिया है।

    पद खाली हुए बिना दूसरी शिक्षिका को दे दी पोस्टिंग।

    देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में तबादलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले शिक्षा विभाग में नया कारनामा सामने आया है। ताजा मामला देहरादून जिले के डोईवाला स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला का है, जहां पद रिक्त ना होने के बावजूद विभाग ने उत्तरकाशी से शिक्षिका को तबादला दे दिया है। आदेश जारी होने के बाद से शिक्षकों में इस को लेकर चर्चा है।

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    बता दें कि सरकार ने इस शैक्षिक सत्र को शून्य सत्र घोषित किया है, लेकिन शिक्षकों को तबादला एक्ट 2017 की धारा 27 के तहत तबादला लेने का मौका दिया गया है। हालांकि, इन तबादलों पर मुख्य सचिव की अगुआई वाली कमेटी की मुहर के बाद ही फैसला होता है। इस साल धारा 27 के तहत आवेदन शुरू होने के बाद से ही इस व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। नया मामला राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी में तैनात शिक्षिका प्रतिभा बिष्ट को देहरादून के डोईवाला स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लच्छीवाला में तबादला देने का है।

    शिक्षिका को दांपत्य नीति के तहत हिंदी विषय में यह तबादला दिया गया है। खास बात यह है कि इस स्कूल में पहले से ही इस विषय में एक शिक्षिका तैनात है। हालांकि यह शिक्षिका सत्रांत लाभ पर यहां काम कर रही है। सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बिष्ट के आदेश जारी होने के बाद यह पूरा मामला सामने आया।

    प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने इस तबादले पर सीधा सवाल उठाते हुए विभाग को घेरे में लिया है। संघ के जिला अध्यक्ष रघुबीर सिंह पुंडीर ने आरोप लगाया कि अपने चहेतों को सुगम में तबादला देने के लिए शिक्षा विभाग की मिलीभगत से ऐसे तबादले होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सालों से दुर्गम में अपनी एड़ियां घिस रहे शिक्षकों के साथ अन्याय कर चहेतों को ऐसे स्थानांतरण देना विभाग की नीयत पर सवाल उठाता है। विभाग को तुरंत ऐसे तबादले निरस्त करने चाहिए।

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