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एक मार्च से उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में बदलेगा ओपीडी का समय, जानिए कितने बजे से खुलेगी

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपनल व पीआरडी कर्मियों की हड़ताल के कारण मरीजों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को यहां दिव्यांग बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं पर दोहरी मार पड़ी। अस्पताल की लिफ्ट खराब होने की वजह से उन्हें सीढ़ियां चढ़नी पड़ी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:02 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:02 AM (IST)
एक मार्च से उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में बदलेगा ओपीडी का समय, जानिए कितने बजे से खुलेगी
दून अस्पताल में दस मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा ईसीजी तकनीशियन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। एक मार्च से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी का समय बदल जाएगा। अब नवंबर तक ओपीडी सुबह आठ बजे से शुरू होगी। ऐसे में मरीजों को नई समय सारणी के अनुरूप ही देखा जाएगा। उत्तराखंड में मौसम में लगातार गरमाहट आने लगी है, जिसे देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी का समय बदलने जा रहा है। 

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मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने बताया कि अभी तक ओपीडी सुबह नौ बजे शुरू होती थी और चिकित्सक तीन बजे तक मरीज देखते थे। एक मार्च से गॢमयों की समय सारिणी लागू हो जाती है। जिसके तहत ओपीडी सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक चलेगी। पंजीकरण सुबह आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक ही होंगे। इसी तरह आपातकालीन मामलों को छोड़कर एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ईसीजी के अलावा विभिन्न पैथोलॉजी जांच भी सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक ही की जाएंगी। दवा काउंटर बंद होने का समय ढाई बजे होगा।

कम वेतन देख मेले से लौटे कई बेरोजगार

सेवायोजन कार्यालय की ओर से आयोजित रोजगार मेले से कई अभ्यर्थी कम वेतन देखकर लौट गए। यहां आठ निजी कंपनियों ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्टॉल लगाए थे। मेले में 136 अभ्यॢथयों को रोजगार मिला, जबकि 62 अभ्यर्थियों को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण की जानकारी दी गई। मेले में 286 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। रोजगार मेले से लौट रहे एक स्नातक अभ्यर्थी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एक निजी कंपनी की ओर से आठ से दस हजार रुपये वेतन तय किया गया है, जबकि एक कंपनी पार्ट टाइम नौकरी के लिए भी आठ हजार रुपये वेतन दे रही है। 

महंगाई के इस दौर में 10 से 12 हजार रुपये की नौकरी से गुजारा संभव नहीं है। कोरोना काल में आयोजित मेले में सैनिटाइजेशन से लेकर शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा था। मुख्य गेट पर हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समय-समय से रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। कोरोनाकाल में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कम आवेदन ही लिए गए। 

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