नशामुक्ति केंद्र में दुष्कर्म का आरोपित चढ़ा पुलिस के हत्थे, पहले भी जा चुका है जेल; खुद भी था नशे का आदी
Drug de addiction center misdeed case वाक एंड विन सोबेर लिविंग होम्स नशा मुक्ति केंद्र में युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने आरोपित विद्या दत्त रतूड़ी को ऋषिकेश रोड श्यामपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Drug de addiction center misdeed case क्लेमेनटाउन के प्रकृति विहार में वाक एंड विन सोबेर लिविंग होम नशा मुक्ति केंद्र में युवती के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित केंद्र के संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इसी पांच अगस्त की शाम को नशा मुक्ति केंद्र से चार युवतियां भाग गई थीं। उनका केंद्र में इलाज चल रहा था। घटना के दो दिन बाद एक युवती बंजारावाला क्षेत्र में मिली। उसने केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इसके बाद अन्य तीन युवतियों को एक होटल से बरामद किया गया। उन्होंने पूछताछ में बताया कि विद्यादत्त उनके साथ छेड़छाड़ करता था। विरोध करने पर उन्हें पीटा जाता था। इसमें केंद्र की अध्यक्ष विभा सिंह भी विद्यादत्त का साथ देती थी। पीड़ित युवतियों ने जब विभा को विद्यादत्त की बदसलूकी के बारे में बताया तो उसने भी उनकी पिटाई की।
इसी से तंग आकर उन्होंने भागने की योजना बनाई। विभा को सात अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया था। विद्यादत्त रतूड़ी निवासी ग्राम उरमोला पट्टी कंडवालस्यूं पोस्ट घिडवाड़ा जिला पौड़ी फरार चल रहा था। थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन की देखरेख में एक टीम उसकी तलाश के लिए लगातार दबिश दे रही थी। वह ऋषिकेश के श्यामपुर स्थित होटल रुद्राक्ष में छिपा हुआ था, जहां से उसे रविवार रात दबोच लिया गया। दोनों आरोपितों के खिलाफ क्लेमेनटाउन थाने में मुकदमा दर्ज है।
पहले भी जेल जा चुका विद्यादत्त
पुलिस के अनुसार, आरोपित विद्यादत्त के पिता एयरफोर्स में थे। वह पिता के साथ कानपुर में रहता था। इसी दौरान उसे शराब की लत लग गई। इसी बीच वर्ष 2017 में टिहरी की एक महिला ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया, जिसके चलते उसे जेल भेजा गया था। 2018 में जमानत पर जेल से छूटने के बाद परिवार ने उसे सरस्वती विहार स्थित एसजी फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया। इलाज के दौरान ही वह नशा मुक्ति केंद्र में स्टाफ के रूप में काम करने लगा।
शराब की लत छोड़ने के लिए भर्ती हुई थी विभा, तभी हुई विद्यादत्त से मुलाकात
एसजी फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र में विद्यादत्त ने तीन साल तक काम किया। यहीं उसकी मुलाकात विभा सिंह से हुई, जो शराब छोडऩे के लिए केंद्र में भर्ती हुई थी। इसके बाद दोनों ने अपना नशा मुक्ति केंद्र खोलने की योजना बनाई। फरवरी 2021 में विभा और विद्यादत्त ने नशा मुक्ति केंद्र खोला। जब युवतियां केंद्र से भाग गईं तो विभा ने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। युवतियों की बरामदगी के बाद खुद को फंसता देख विद्यादत्त फरार हो गया। इससे पहले उसने अपने मोबाइल से दोनों सिम निकालकर फेंक दिए।