नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म प्रकरण: पहले ही बाहर आ गया था छेड़छाड़ का मामला, लेकिन जांच टीम को युवतियों से नहीं करने दी बात
वाक एंड विन सोवर लिविंग होम में युवतियों के साथ छेड़छाड़ की बात पांच जुलाई से पहले ही बाहर आ गई थी। एक युवती ने केंद्र में चल रहे गलत कार्यों की बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की सचिव नेहा कुशवाहा को बता दी थी।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 10:20 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। वाक एंड विन सोवर लिविंग होम में युवतियों के साथ छेड़छाड़ की बात पांच जुलाई से पहले ही बाहर आ गई थी। एक युवती ने केंद्र में चल रहे गलत कार्यों की बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की सचिव नेहा कुशवाहा को बता दी थी। एक अगस्त को डीएलएसए की टीम जहांगीर आलम की देखरेख में पूछताछ के लिए केंद्र में पहुंची, लेकिन केंद्र की अध्यक्ष विभा सिंह ने युवतियों से अकेले में बात नहीं करने दी।
जहां टीम युवतियों से बातचीत कर रही थी, वहीं पर आरोपित विभा सिंह भी बैठ गई, जिसके कारण युवतियां खुलकर टीम के सामने अपनी समस्या नहीं बता पाईं। टीम ने जब आरोपित से कहा कि वह युवतियों से अकेले में बात करना चाहते हैं तो विभा सिंह ने उन्हें यह कहकर अकेले में बात नहीं करने दी कि गाइडलाइन के अनुसार वह युवतियों से अकेले में बात नहीं करने दे सकती है। युवतियों ने खुद को फंसा देख पांच अगस्त को खुद ही केंद्र से भागने की योजना बनाई। पांच में से चार युवतियों ने केंद्र से भागने की योजना बनाई थी, जबकि एक भागने को तैयार नहीं हुई। योजना के मुताबिक चारों युवतियों ने विभा सिंह को बातों में लगा दिया और मौका पाकर कमरे से बाहर निकल गईं। जब तक विभा सिंह समझ पाती, तब तक चारों बाहर निकल गई थीं। उन्होंने बाहर से कमरे की कुंडी लगा दी थी। युवतियां केंद्र से नंगे पांव दीवार फांदकर निकलीं। बाहर निकलते ही उन्होंने अपने परिचित किसी युवक से स्मैक मंगवाई। बंजारावाला निवासी युवती अपने घर पहुंची तो उसके स्वजन ने उसे वापस केंद्र जाने की बात कही। युवतियां केंद्र नहीं जाना चाहतीं थीं, इसलिए उन्होंने अपने मुंहबोले भाई को फोन किया और इनमें से तीन युवतियां त्यागी रोड एक होटल में चली गईं, जबकि एक युवती अजबपुरकलां में अपने रिश्तेदार के घर चली गई।
केंद्र में बाहर से आते थे लोगसूत्रों की मानें तो मूल रूप से अलीगढ़ की रहने वाली विभा सिंह के परिचित कुछ लोग कई बार केंद्र में आते थे। बताया जा रहा है कि केंद्र में स्मैक भी सप्लाई की जाती थी। युवतियों को संभालने की पूरी जिम्मेदारी विभा सिंह की थी, इसलिए कोई भी युवती उसके डर से मुंह नहीं खोल पाती थी।
मुंह बंद रखने के लिए हुई सौदेबाजीपांच अगस्त को जब युवतियां केंद्र से भागीं तो केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी को यह अंदेशा हो गया था कि यदि युवतियां किसी के हाथ लग गईं तो सारा भेद खुल जाएगा। इसलिए वह अपने स्तर पर युवतियों की तलाश में जुट गया। छह अगस्त को जब पुलिस ने युवतियों को पकड़ लिया तो आरोपित तो खुद फरार हो गया, लेकिन उसने अपने कुछ परिचितों को पीडि़तों को मुंह बंद रखने के लिए सौदेबाजी में लगवा दिया। बताया जा रहा है कि पीडि़ताओं के स्वजन के सामने रुपयों की पेशकश की गई। ऐसे में तीन युवतियों ने सिर्फ छेड़छाड़ की बात कबूल की, जबकि इनमें एक युवती नहीं टूटी और उसने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाई।
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