देहरादून पहुंचे ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व सीईओ, कहा- 'ड्रोन बनेंगे पोस्टमैन, एयरोस्पेस में युवाओं का भविष्य'
ग्राफिक एरा में करियर काउंसलिंग समारोह में डॉ. सुधीर मिश्रा ने कहा कि युवा अब ड्रोन और मिसाइल टेक्नोलॉजी में भविष्य देख रहे हैं। आने वाले समय में ड्रोन पोस्टमैन बनेंगे। ग्राफिक एरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिखाने पर 22 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में युवाओं की रुचि बढ़ी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun News: ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व सीईओ प्रख्यात विज्ञानी और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के बोर्ड आफ गवर्नर के सदस्य डा. सुधीर मिश्रा ने कहा कि अब युवा ड्रोन और मिसाइल टेक्नोलॉजी में भविष्य देखने लगे हैं।
आने वाले समय में ड्रोन पोस्टमैन की भूमिका में नजर आएंगे और इनका उपयोग साइकिल की तरह होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग परमाणु हथियारों के साथ उपयोग नहीं किया जा सकता है। परमाणु बम के लांच के लिए पृथ्वी मिसाइल का उपयोग किया जा सकता है।
ग्राफिक एरा के करियर काउंसिलिंग समारोह में उन्होंने उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस दुनिया की पहली और अब तक की एकमात्र मिसाइल है जो सबसे तेज उड़ती है। इसकी स्पीड नौ सौ मीटर प्रति सेकेंड है। यानी एक घंटे में ब्रह्मोस करीब 32,00 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता रखती है।
उन्होंने छात्र-छात्राओं से देश को दुनिया में नंबर वन बनाने के लिए अपनी पूरी क्षमता से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने आपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने पाकिस्तान पर जो आक्रमणता दिखाई उसके बारे में भी विस्तार से बताया।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने करियर काउंसिलिंग का आयोजन युवाओं को उनकी रुचि और क्षमताओं के मुताबिक करियर चुनने में मदद करने के लिए किया था। इससे पहले ब्रह्मोस मिसाइल तैयार करने वाली टीम में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डा. सुधीर मिश्रा का एनसीसी कैडेट्स ने फूलों बरसाकर स्वागत किया।
खुले रोजगार के अवसर: घनशाला
ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने कहा कि अब सभी विषयों को आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से जोड़ दिए जाने के कारण बीकाम, फाइन आर्ट्स, इंग्लिश आनर्स जैसे विषयों के छात्र-छात्राओं के लिए भी आइटी कंपनियों में अवसर बढ़ गए हैं। ग्राफिक एरा ने आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस सिखाने की तकनीकों पर 22 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
साथ ही अमेजन वेब सर्विसेज के साथ मिलकर देश का पहला फ्यूचर रेडी जेन एआइ कैंपस बनाया गया है। क्वांटम कंप्यूटिंग का एक्सीलेंस सेंटर बनाया जा रहा है। एप्पल के साथ मिलकर नेक्स्ट जेनरेशन आइओएस डेवलपमेंट लैब बनाई जा रही है। यह अगले महीने तैयार हो जाएगी। छात्र-छात्राओं को दुनिया की सबसे नई टेक्नोलाजी से जोड़ने की दिशा में ये बड़े कदम हैं।
उन्होंने कहा कि अब एयरोस्पेस के क्षेत्र में युवाओं की दिलचस्पी और करियर बनाने की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं। यूनिवर्सिटी के टेक इनोवेशन के प्रमुख तेजस्वी घनशाला, अमेजन वेब सर्विसेज के पदाधिकारी रोहित शर्मा, डीन ला डा डेजी एलेक्जेंडर, करियर सर्विसेज एंड स्टूडेंट एक्सपीरियंस के जीएम अंशुल नंदा, डीन स्कूल आफ डिजाइन डा. सौरभ कुमार, फैशन डिजाइनिंग की एचओडी डा. ज्योति छाबड़ा ने भी करियर बनाने के संबंध में सुझाव दिए।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में युवाओं की रुचि बढ़ी
मेगा करियर काउंसलिंग में युवाओं ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दिलचस्पी दिखाई। ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मेगा करियर काउंसलिंग में हजारों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
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