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DR Sugestions on Coronavirus: संक्रमण के समय नुकसान पहुंचा सकते हैं स्टेरॉइड्स, जानिए क्‍या कहते हैं एम्स ऋषिकेश

DR Sugestions on Coronavirus कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान आरंभिक दौर में स्टेरॉइड्स का प्रयोग माइल्ड पेशेंट को नुकसान पहुंचा सकता है। एक्टिव इन्फेक्शन के दौरान ये स्टेरॉइड्स नुकसान करते हैं। सो केवल गंभीर और मॉडरेट लक्षण वाले मरीजों को ही यह दिए जा सकते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 10:21 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 01:42 PM (IST)
DR Sugestions on Coronavirus: संक्रमण के समय नुकसान पहुंचा सकते हैं स्टेरॉइड्स, जानिए क्‍या कहते हैं एम्स ऋषिकेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। DR Sugestions on Coronavirus कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान आरंभिक दौर में स्टेरॉइड्स का प्रयोग माइल्ड पेशेंट को नुकसान पहुंचा सकता है। एक्टिव इन्फेक्शन के दौरान ये स्टेरॉइड्स नुकसान करते हैं। सो, केवल गंभीर और मॉडरेट लक्षण वाले मरीजों को ही यह दिए जा सकते हैं। संक्रमण के दूसरे सप्ताह में ही  स्टेरॉइड्स का प्रयोग उचित होता है।

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कोरोना संक्रमित मरीज के लिए जिन स्टेरॉइड्स का प्रयोग किया जा रहा है, उनमें डेक्सामेथासोन, हाइड्रोकॉर्टिसोन, मिथाइलप्रेडनिसोलोन और टोसिलिजुमैब के नाम प्रमुख हैं। इनका प्रयोग संक्रमण की दूसरी स्टेज में होता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि स्टेरॉइड्स का काम शरीर की हाइपर इम्यूनिटी को दबाना है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के मामलों में ये देखा जा रहा है कि इम्यून सिस्टम इस वायरस से लड़ते-लड़ते बेकाबू हुआ जा रहा है। इसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं। इम्यून सिस्टम के बेकाबू होने पर ये शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। स्वस्थ कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। कोविड में जो कॉम्प्लिकेशन हो रहे हैं, उसकी वजह इम्यून सिस्टम का बेकाबू होना है। ऐसे में स्टेरॉइड्स इस हाइपर इम्यूनिटी को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। 

एम्स निदेशक ने बताया कि यह इलाज के शुरुआती दिनों यानी पहले सप्ताह में नहीं दिए जाते। माइल्ड पेशेंट में एक्टिव इन्फेक्शन के दौरान ये स्टेरॉइड्स नुकसान करते हैं। प्राय: देखा जा रहा है कि इन्फेक्शन के तुरंत बाद डॉक्टर इन्हें मरीजों को दे रहे हैं। स्टेरॉइड्स काफी सस्ते हैं व आसानी से उपलब्ध हैं, सो इन्हें लेकर मारामारी भी नहीं है। लेकिन, इन्हें केवल गंभीर और मॉडरेट तौर पर बीमार मरीजों को ही दिया जा सकता है। 

नॉर्मल और एसिम्प्टमैटिक मरीजों को यह दिया जाना गलत है, क्योंकि इससे आरंभिक दौर में संक्रमण के और बढ़ने का खतरा है। दूसरे सप्ताह में स्टेरॉइड्स का प्रयोग मृत्यु दर को कम करने में सहायक सिद्ध होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि आरंभिक लक्षण वाले कोरोना मरीज को स्टेरॉइड्स दिया जाना उचित नहीं है। गंभीर रोगी को ही यह दिया जाना चाहिए। 

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