उत्तराखंड में दो जल विद्युत परियोजना निर्माण को सिंचाई विभाग की डीपीआर खारिज
दो जल विद्युत परियोजना के निर्माण की सिंचाई विभाग की डीपीआर को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब नए सिरे से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी।
देहरादून, संतोष तिवारी। आराकोट-त्यूणी व त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना के निर्माण की सिंचाई विभाग की ओर से तैयार डीपीआर को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड ने ठंडे बस्ते में डालते हुए नए सिरे से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि साल 2008 की इन दोनों परियोजनाओं की डीपीआर जब बनी थी, तब से लेकर अब परिस्थितियां काफी बदल गई हैं। निर्माण में लगने वाले सामान से लेकर श्रम के मूल्य में बदलाव तो हुआ ही है, अभी इन दोनों परियोजनाओं को पर्यावरणीय क्लीयरेंस भी मिलना बाकी है। ऐसे में अब यूजेवीएनएल का आईएंडपी (रिसर्च एंड प्लानिंग) विभाग नए सिरे से डीपीआर बनाएगा।
पिछले महीने राज्य सरकार ने 153 मेगावाट की आराकोट-त्यूणी व त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना के निर्माण का जिम्मा सिंचाई विभाग से वापस लेकर यूजेवीएनएल को सौंप दिया। सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने इसका कड़ा विरोध भी किया और कहा कि उन्होंने जब इसकी डीपीआर तैयार कर ली तो कार्य छीनने का औचित्य नहीं बनता। मगर सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला।
सूत्रों की माने तो दोनों परियोजनाओं की सिंचाई विभाग की ओर से जो डीपीआर तैयार गई है, उसके मुताबिक दोनों परियोजनाओं पर करीब आठ सौ करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। जानकारों की मानें तो विगत वर्षों की आर्थिकी के अनुसार जो डीपीआर तैयार हुई है, उससे अब परिस्थितियां काफी अलग हो चुकी हैं।
निर्माण में लगने वाले कल-पुर्जों से अन्य सामान की कीमत में भी काफी अंतर आ चुका है। वही, यूजेवीएनएल का यह भी कहना है कि अभी तक पर्यावरणीय क्लीयरेंस भी नहीं लिया गया है। ऐसे में जब प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा तो उन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, जिससे पर्यावरण के नुकसान का अड़ंगा न लगने पाए।
यूजेवीएनएल की बढ़ जाएगी उत्पादन क्षमता
यूजेवीएनएल की तेरह जल विद्युत परियोजनाओं की वर्तमान में उत्पादन क्षमता करीब 5088 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष है। आराकोट-त्यूणी की 81 मेगावाट व त्यूणी-पलासू की 72 मेगावाट की परियोजना के मिल जाने से विद्युत उत्पादन में प्रति वर्ष करीब सात सौ मिलियन यूनिट का इजाफा हो जाएगा। हालांकि इन दोनों परियोजनाओं को पूर्ण होने में कम से कम पांच वर्ष का समय लगेगा।
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नए सिरे से होगी प्लानिंग
यूजेवीएनएल के प्रवक्ता विमल डबराल के मुताबिक, आराकोट-त्यूणी व त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना की मिली डीपीआर अपूर्ण है। पर्यावरणीय क्लीयरेंस समेत तमाम बातों पर नए सिरे से प्लानिंग तैयार करनी है। ऐसे में यूजेवीएनएल अपनी डीपीआर तैयार कर उसके अनुसार निर्माण करेगा।
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