मार्च 2020 तक मुक्तेश्वर और सुरकंडा में लगेंगे डॉप्लर राडार, पढ़िए पूरी खबर
इस वित्तीय साल के अंत तक यानी मार्च 2020 तक मुक्तेश्वर और सुरकंडा में डॉप्लर राडार लग जाएंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मौसम से संबंधित सटीक जानकारी के लिए इस वित्तीय वर्ष के अंत तक, यानी मार्च 2020 तक मुक्तेश्वर और सुरकंडा में डॉप्लर राडार लग जाएंगे। लैंसडौन में तीसरे डॉप्लर राडार के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। प्रदेश में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत यह अहम कदम साबित हो सकता है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में यह जानकारी दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में युवाओं को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से इस मानसून सत्र में भारी बरसात के चलते हुए वित्तीय क्षति का आकलन कर पांच अक्टूबर तक आपदा प्रबंधन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए, जिससे इसे समय से भारत सरकार को भेजा जा सके।
सचिवालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए नियमित अंतराल पर स्थानीय लोगों विशेषकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों की व्यवस्था की जाए। भूकंप की दृष्टि से सुरक्षित भवन निर्माण शैली का अध्ययन किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन क्षेत्र के मार्ग सही स्थिति में हों। फॉरेस्ट गॉर्ड को भी आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। स्कूलों में भी आपदा से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि अभी तक 7766 महिला मंगल दलों व 5968 युवक मंगल दलों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। मौसम संबंधी पूर्वानुमानों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारत मौसम विभाग के सहयोग से राज्य के विभिन्न क्षेत्रो में 107 स्वचालित मौसम केंद्र, 28 स्वचालित मापी, 16 स्वचालित बर्फ मापी व 25 मौसम वेधशालाओं की स्थापना की गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मुख्य वन संरक्षक जयराज, डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव अमित नेगी समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आपदा से हुई 80 लोगों की मौत
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस मानसून सत्र में 80 लोगों की मौत हुई है, जबकि 80 घायल हुए हैं। आपदा में 385 छोटे व बड़े पशुओं की हानि, 460 आंशिक तथा 212 भवन तीक्ष्ण और 61 भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस मानसून सत्र में अभी तक 228.98 करोड़ की क्षति आंकी गई है। इनमें 125.52 करोड़ रुपये राज्य आपदा राहत कोष के मानकों से आच्छादित हैं।
'यूईएपी' प्रोजेक्ट ऑफ द इयर घोषित
बैठक में बताया गया कि एडीबी सहायतित उत्तराखंड इमरजेंसी असिस्टेंट प्रोजेक्ट (यूइएपी) को प्रोजेक्ट मैनजमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा प्रोजेक्ट ऑफ द इयर का पुरस्कार दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 1968 किमी सड़क, 272 किमी ट्रेक रूट, 27 हेलीपैड, हेंगर और नौ शहरों की पेयजल योजनाओं का निर्माण किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रसन्नता जताते हुए संबंधित अधिकारियों को शुभकामनाएं भी दीं।
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