Move to Jagran APP

सुगम क्षेत्र के अस्पताल पीपीपी मोड पर देने के विरोध में हैं डॉक्टर

सुगम क्षेत्र के चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर दिए जाने पर भी कड़ा एतराज जताया है। एनएचएम व विश्व बैंक के नियमों को विध्वंसकारी करार दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 10:34 AM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 10:34 AM (IST)
सुगम क्षेत्र के अस्पताल पीपीपी मोड पर देने के विरोध में हैं डॉक्टर
सुगम क्षेत्र के अस्पताल पीपीपी मोड पर देने के विरोध में हैं डॉक्टर

देहरादून, जेएनएन। सरकारी चिकित्सकों ने डीएसीपी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर मुट्ठियां तान ली हैं। सुगम क्षेत्र के चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर दिए जाने पर भी कड़ा एतराज जताया है। एनएचएम व विश्व बैंक के नियमों को विध्वंसकारी करार दिया है। 

loksabha election banner

 प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की रविवार को बैठक हुई। जिसमें कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा तमाम जनपदों के पदाधिकारी मौजूद रहे। स्वास्थ्य महानिदेशक की अस्थायी नियुक्ति पर संघ ने कड़ा रोष व्यक्त किया। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि यह कामचलाऊ व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। डीएसीपी व डीपीसी पर शासन द्वारा पूर्व आश्वासन व सहमति के बाद भी आदेश पारित न होने पर भी संघ ने नाराजगी जताई है। इसके अलावा सुगम क्षेत्र के चिकित्सालय पीपीपी मोड पर दिए जाने का विरोध किया।

प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी व प्रांतीय महासचिव डॉ. दिनेश चौहान ने कहा कि विश्व बैंक के प्रोजेक्ट के तहत दूरस्थ व असेवित क्षेत्र में पीपीपी मोड का संचालन किया जाना था, पर सुगम क्षेत्रों के चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने एनएचएम व विश्व बैंक के नियमों को विध्वंसकारी बताया।

कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशक विभाग के मुखिया हैं, पर एनएचएम के तमाम कार्यक्रमों में उनकी सलाह तक नहीं ली जा रही है। यह गलत है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के निर्णयों से भी चिकित्सकों में रोष है। क्योंकि स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन के क्रम में किसी भी बिंदु पर कोई विचार नहीं किया गया। एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की बात कह रही है, वहीं चिकित्सकों की वाजिब मांगें भी नजरअंदाज की जा रही हैं। 

प्रदेश में खुले होम्योपैथी रिसर्च सेंटर

बीएचएमसी अभिव्यक्ति डॉक्टर्स ग्रुप की ओर से रविवार को रिस्पना पुल पर एक होटल में भारतीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज भरतपुर राजस्थान की दूसरी एल्युमिनाई मीट आयोजित की गई। मीट में कॉलेजों के स्मरणों को साझा किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 120 डॉक्टर, वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम में शिरकत की। जूनियर्स ने सीनियर्स का सम्मान किया। 

इस दौरान मुख्य अतिथि हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से वक्ताओं ने प्रदेश में होम्योपैथी रिसर्च सेंटर, अस्पताल और सरकारी कॉलेज खोले जाने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि देवभूमि में होम्योपैथी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। सांसद ने उनसे प्रस्ताव बनाकर लाने और केंद्र से उनकी मांग पूरी कराने की बात कही। साथ ही कार्यक्रम की सराहना कर कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से समाज में एकजुटता आती है। होम्योपैथी डायरेक्टर डॉ. राजेंद्र सिंह, कार्यक्रम आयोजक डॉ. रमन नकरा, डॉ. संजय मुंडेपी, पूर्व प्राचार्य डॉ. यूएस जुरैल, डॉ. मुकेश भारतीय, डॉ. सुरेंद्र शर्मा, डॉ. अनिल त्यागी, डॉ. मुकेश, डॉ. मुकेश गुप्ता, डॉ. बृज गोपाल आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें: अब होम्योपैथी चिकित्सक भी कर सकेंगे मेडिकल प्रमाण जारी, जानिए

यह भी पढ़ें: दून महिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बदहाल, शौचालय को बनाया गया स्टोर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.