नैनीडांडा में तैनात चिकित्साधिकारी 20 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार
विजिलेंस ने नैनीडांडा में एक चिकित्साधिकारी को नर्सिंग अधिकारी से तबादला रुकवाने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। चिकित्साधिकारी आशुतोष त्रिपाठी पर रिश्वत मांगने का आरोप है। नर्सिंग अधिकारी ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। आरोपित के आवास पर विजिलेंस टीम जांच कर रही है। स्थानीय लोगों ने भी चिकित्साधिकारी के व्यवहार की शिकायत की थी।

सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून: विजिलेंस ने नर्सिंग अधिकारी से ट्रांसफर रुकवाने के एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत लेने वाले चिकित्साधिकारी नैनीडांडा को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
आरोपित लंबे समय से नर्सिंग अधिकारी को परेशान कर रहा था, जिसके चलते उन्होंने विजिलेंस के पास इसकी शिकायत की। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीम आरोपित के आवास पर चल-अचल संपति के संबंध में तलाशी व पूछताछ कर रही है।
अदालीखाल प्राइमरी हेल्थ सेंटर में तैनात नर्सिंग अधिकारी का कुछ समय पूर्व नैनीडांडा तबादला हो गया था। नर्सिंग अधिकारी का अदालीखाल में ही आवास है, ऐसे में उन्हें नैनीडांडा आने-जाने में परेशानी हो रही थी। तबादला रुकवाने के लिए नैनीडांडा में तैनात चिकित्साधिकारी आशुतोष त्रिपाठी रिश्वत की मांग कर रहा था।
आरोपित ने ट्रांसफर रुकवाने के एवज में 20 हजार रुपये की मांग की। नर्सिंग अधिकारी ने इसकी शिकायत विजिलेंस मुख्यालय में की। निदेशक विजिलेंस की ओर से तत्काल ट्रेप टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
सोमवार को एक टीम नैनीडांडा पहुंची और आरोपित को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीम आरोपित क आवास पर चल अचल संपत्ति की जांच में जुटी हुई है।
स्थानीय लोगों ने भी किया था चिकित्साधिकारी का विरोध
बताया जा रहा है कि चिकित्साधिकारी का व्यवहार आमजन के प्रति भी सही नहीं था। आरोप है कि वह चिकित्सकों को अपनी मर्जी से लंबी छुट्टी पर भेज देता था, जिसके कारण स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस मामले में स्थानीय लोगों की ओर से संबंधित विभाग को भी चिकित्साधिकारी की शिकायत की गई थी।

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