Inspire Award Exhibition: मॉडलों के जरिए भावी पीढ़ी की सृजनशील सोच के हुए दर्शन
तीन दिवसीय जिला स्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी प्रतियोगिता शुरू हुई। इसमें 80 बच्चों ने विज्ञान विषय पर आधारित अपने मॉडल प्रस्तुत किए।
देहरादून, जेएनएन। एमकेपी इंटर कॉलेज में तीन दिवसीय जिला स्तरीय इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी प्रतियोगिता शुरू हुई। पहले दिन रायपुर और डोईवाला ब्लॉक के करीब 80 बच्चों ने प्रदर्शनी में विज्ञान विषय पर आधारित अपने मॉडल प्रस्तुत किए। इन मॉडलों में भविष्य के भारत की तस्वीर नजर आई। प्रतियोगिता में जिन छात्रों के मॉडल चयनित होंगे, उन्हें राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा।
कॉलेज परिसर में जिला स्तरीय इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि बच्चे भविष्य के निर्माता हैं। ऐसे में सभी अपनी पढ़ाई के साथ दून को स्वच्छ रखने में अपना हर संभव योगदान दें, साथ ही अन्य लोगों को भी साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बच्चों से प्लास्टिक का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का आह्वान किया।
इसके बाद महापौर और मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने बच्चों द्वारा तैयार मॉडल देखे और कई छात्र-छात्राओं ने उन्हें अपने मॉडलों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी यशवंत सिंह चौधरी, जिला समन्वयक रमेश बडोनी, जसपाल नेगी, मीडिया प्रभारी पवन शर्मा, दलजीत सिंह, निर्णायक मंडल से डॉ. भावतोष, डॉ. विपिन कुमार सैनी, डॉ. हिमानी गुलेरिया, सर्वेश्वर पांथरी, डॉ. बीपी पुष्पकार, डॉ.चारूलता, बीओ रायपुर एसएस तोमर, राखी पाडे, एमकेपी की प्रधानाचार्य अर्चना गोयल आदि मौजूद रहे।
बच्चों के बनाए मॉडलों में दिखा भारत का भविष्य
प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए विज्ञान के विभिन्न मॉडल का प्रदर्शन किया गया है। इस अवसर पर उनका उत्साह देखने लायक था। छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल बनाएं हैं। जिन्हें देखकर लगता है कि विज्ञान को लेकर उनकी समझ पैनी है। छात्र-छात्राओं ने अपने मॉडलों के माध्यम से विभिन्न समस्याएं उठाई और उसके समाधान का सुझाव भी दिया। सोलर सिस्टम, कंपोस्ट प्लांट, हाईटेक व्हील चेयर समेत अन्य मॉडल बेहद पसंद किए गए।
जनपद की 340 छात्र-छात्राएं दिखाएंगे अपनी प्रतिभा
देहरादून में 1760 प्रतिभागियों ने भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण किया था। जिनमें 340 बच्चों को दस हजार रुपये का इंस्पायर अवार्ड प्राप्त हुआ है। जिला स्तर पर चयनित छात्र राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
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ये मॉडल रहे खास
बैसाखी कम व्हीलचेयर: यह ऐसा व्हीलचेयर है, जो आसानी से बैसाखी में बदल सकता है।
ऑटोमैटिक ट्रैफिक लाइट: ये सिग्नल चौराहों पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए खुद हरा और लाल हो जाते हैं, जिससे लोगों को रेड लाइट पर बेवजह समय खराब नहीं करना पड़ता है।
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कार्बन डाइऑक्साइड से आग बुझाने की मशीनरी: पहाड़ में जंगलों में लगने वाली आग बुझाने को वर्किंग मॉडल।
साइकिल का कमाल: साइकिल पर ऐसा मॉडल तैयार किया गया है जिससे जोताई, बोआई, खुदाई और रोपाई आसानी से की जा सकती है।
सिलाई और कटाई भी: सिलाई मशीन पर ब्लेड लगाया गया है, जिसकी मदद से कटिंग का भी काम सहजता से किया जा सकता है।