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    भारतीय चिकित्सा परिषद में इन चार नियुक्तियों का मामला गरमाया, जानिए वजह

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sat, 29 Aug 2020 04:41 PM (IST)

    चिकित्सा परिषद में प्रांतीय रक्षक दल और युवा कल्याण विभाग के माध्यम से आउटसोर्स पर की गई चार नियुक्तियों का मामला चर्चा में है।

    भारतीय चिकित्सा परिषद में इन चार नियुक्तियों का मामला गरमाया, जानिए वजह

    देहरादून, जेएनएन। भारतीय चिकित्सा परिषद में प्रांतीय रक्षक दल और युवा कल्याण विभाग के माध्यम से आउटसोर्स पर की गई चार नियुक्तियों का मामला चर्चा में है। इनमें लेखाकार के एक पद पर दून के महापौर सुनील उनियाल गामा की बेटी की नियुक्ति की गई है। सोशल मीडिया पर इनकी नियुक्ति का पत्र वॉयरल हो रहा है। जिसमें नियुक्ति बैकडोर से करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं, युवा कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर शनिवार को विकास भवन पर प्रदर्शन का एलान किया है।

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    जिला प्रांतीय रक्षक दल और युवा कल्याण अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में भारतीय चिकित्सा परिषद में दो सुरक्षाकर्मी समेत एक लेखाकार और एक चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्तियां दी गई हैं। आरोप है कि भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार की ओर से इन चार पदों पर 17 जुलाई को ही डिमांड भेजी गई थी और उसी दिन नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए।

    पत्र में कार्यालय में दो कार्यालय स्टॉफ और दो सुरक्षाकर्मी की डिमांड की गई थी। इनमें कार्यालय स्टॉफ में लेखाकार पद पर श्रेया उनियाल, जबकि चतुर्थ श्रेणी में मनीष जगवाण, सुरक्षाकर्मी में सुमित तोमर और अमरदीप सिंह के नाम नियुक्ति पत्र जारी किए गए। श्रेया महापौर गामा की बेटी हैं।

    महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि मेरी बेटी है तो क्या वह कहीं नौकरी नहीं कर सकती। वह तो सीए की पढ़ाई कर रही है। भर्ती निकलने पर उसने आवेदन किया और उसका चयन हो गया। मेरी ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई न ही किसी पर दबाव डाला गया। इसमें नियमों की किसी भी तरह से अवहेलना नहीं की गई।

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    वहीं, प्रांतीय रक्षक दल और युवा कल्याण अधिकारी कैलाशचंद्र सती का कहना है कि जिस पत्र का जिक्र किया जा रहा, वह 17 जुलाई का है, जबकि मैने 11 अगस्त को चार्ज ग्रहण किया। मामले में जानकारी लेने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कह सकता हूं। भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. दर्शन शर्मा का कहना है कि नियुक्ति आउटसोर्स के जरिए की गई है। प्रांतीय रक्षक दल और युवा कल्याण से जो नाम भेजे गए, उन्हें नियमानुसार नियुक्ति दी गई।

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