स्कूलों में संविदा पर रखे गए 45 शिक्षकों की सेवा होगी समाप्त
छावनी परिषद देहरादून के स्कूलों में संविदा पर रखे गए 45 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। अब नई कंपनी का टेंडर फाइनल होने के बाद इन शिक्षकों की बहाली हो पाएगी।
देहरादून, जेएनएन। छावनी परिषद देहरादून के स्कूलों में संविदा पर रखे गए 45 शिक्षकों की सेवाएं फिलहाल समाप्त की जा रही हैं। अब नई कंपनी का टेंडर फाइनल होने के बाद ही इन शिक्षकों की बहाली हो पाएगी। हालांकि, शिक्षकों को बीती मार्च तक का वेतन कैंट बोर्ड देगा।
शुक्रवार को बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर एसएन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया है। दरअसल, कैंट बोर्ड चार स्कूल ब्लूमिंग बर्डस स्कूल, कैंट जूनियर हाईस्कूल गढ़ी, कैंट जूनियर हाईस्कूल प्रेमनगर और कैंट इंटर कॉलेज गढ़ी संचालित करता है। इन स्कूलों में ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूलों में तैनात कुछ स्टाफ स्थायी है तो कुछ की तैनाती संविदा पर है। संविदा शिक्षकों की संख्या 45 है। जिस कंपनी के माध्यम से इन शिक्षकों को तैनात किया गया था, उसका टेंडर निरस्त कर बीती फरवरी में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।
हालांकि, कंपनी प्रबंधन कोर्ट चला गया, इसलिए यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है। मामला कोर्ट में होने के बाद संविदा कर्मचारियों को वेतन आदि का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। बोर्ड बैठक में इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसको लंबी चर्चा के बाद पारित किया गया। छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन का कहना है कि इसके अलावा बोर्ड के पास कोई विकल्प नहीं है। जब तक मामला कोर्ट में चल रहा है तब तक इन कार्मिकों को सेवा पर नहीं रखा जा सकता है। शिक्षकों को सेवा समाप्त करने का नोटिस जल्द भेज दिया जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष राजेंद्र कौर सौंधी, सभासद विनोद पंवार आदि उपस्थित रहे।
आउटसोर्सिंग कंपनी को दी राहत
कैंट बोर्ड ने कंपनी की ब्लैक लिस्ट रहने की अवधि तीन साल से कम कर अब तीन माह कर दी है। कंपनी की जो भी राशि कैंट बोर्ड पर बकाया है, उसे भी जल्द लौटाया जाएगा।
गेस्ट हाउस का संचालन कर रही कंपनी का टेंडर निरस्त
कैंट बोर्ड के गंगोत्री गेस्ट हाउस का पीपीपी मोड पर संचालन कर रही कंपनी का टेंडर भी निरस्त कर दिया गया है। इस गेस्ट हाउस को 25 हजार रुपये मासिक किराये पर पीपीपी मोड पर दिया गया था, लेकिन इस दौरान कैंट बोर्ड को अनैतिक कार्य किए जाने की शिकायतें मिली। कंपनी की ओर से फरवरी से जुलाई का किराया भी बोर्ड को नहीं दिया गया। जिस पर संबंधित कंपनी का टेंडर निरस्त कर दिया गया है।
प्रेमनगर में बनेंगे स्मार्ट वेंडर जोन
नगर निगम की तरह अब कैंट क्षेत्र में भी स्मार्ट वेंडर जोन बनेंगे। सभासद विनोद पंवार की ओर से इस संबध में प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखकर प्रेमनगर में चकराता रोड के किनारे इस तरह के स्मार्ट वेंडर जोन बनाने की मांग की गई। इस पर कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है।
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प्रतिबंधित क्षेत्र में रियायत की मांग
प्रतिबंधित क्षेत्रों में रियायत देने की मांग पर बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि इस पर फैसला मध्य कमान लेती है। बोर्ड संशोधन का प्रस्ताव मध्य कमान को प्रेषित कर सकता है। वहीं, कैंट क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा उठान का कार्य फिलहाल पुरानी कंपनी के पास ही रहेगा।
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