Dehradun Cloud Burst: मसूरी के माल रोड पर सन्नाटा, दून के पर्यटन स्थल भी सूने
देहरादून के पर्यटन स्थलों जैसे मसूरी और सहस्रधारा में आपदा के बाद सन्नाटा पसरा है। पर्यटकों की चहल-पहल गायब है और सड़कें मलबे से भरी पड़ी हैं। होटलों और छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि सैलानियों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। मानसून की तबाही ने पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है।

अंकुर अग्रवाल, देहरादून। ‘उदास आज शाम है उदास आसमान है, न रंग क्यों दिखे यहां धुआं धुआं अरमान हैं।’ दून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहाड़ों की रानी मसूरी, मैगी प्वाइंट, सहस्रधारा, मालदेवता और राबर्स केव (गुच्चुपानी) का दर्द बयां करने के लिए शायद ये पंक्तियां भी नाकाफी हों।
वीकेंड पर पर्यटकों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाले इन पर्यटन स्थलों ने शुक्रवार की शाम खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। ये पर्यटन स्थल सोमवार को आई आपदा की मार से मानो कराह रहे हैं।
आम दिनों में यहां शुक्रवार से रविवार तक सैलानियों का जमघट लगा रहता है। जिन सड़कों, सेल्फी प्वाइंट और चौक-चौराहों पर पर्यटकों की भीड़ रहती थी, इनमें से ज्यादातर स्थान आपदा में ध्वस्त हो गए है। यहां चारों तरफ मलबा ही बिखरा है।
मसूरी हमेशा ही सैलानियों की पहली पसंद रहा है और मानसून में तो यहां का मौसम वैसे भी सुहावना हो जाता है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ से बड़ी संख्या में आने वाले सैलानियों का वीकेंड भी यहीं बीतता है।
सैलानी यहां प्रकृति और सुहावने मौसम में सुकून के कुछ पल तलाशते हुए पहुंचते हैं। इस बार मानसून जाते-जाते देहरादून व मसूरी में जैसा जलप्रलय लाया, वह अब तक शायद ही देखी-सुनी गई हो।
सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक हुई छह घंटे की भीषण बरसात ने होटल व रेस्तरां कारोबारी से लेकर चाऊमीन-मोमो, मैगी व भुट्टे के स्टाल चलाने वालों की न सिर्फ कमर तोड़ दी, बल्कि पर्यटन स्थलों की रौनक भी छीन ली।
आमतौर पर मसूरी में सैलानी एक-दो दिन ठहरने के लिए आते हैं। हर मौसम में सैलानियों से गुलजार वाले मालरोड पर शुक्रवार शाम सन्नाटा पसरा रहा।
कुछ यही हाल कैंपटीफाल, धनोल्टी, बुरांशखंडा, काणाताल आदि का भी रहा। कंपनी गार्डन, भट्ठाफाल, गनहिल, मसूरी झील, लालटिब्बा-चार दुकान क्षेत्रों में भी सन्नाटा पसरा रहा।
इस प्रकार देहरादून के मालदेवता, सहस्रधारा, गुच्चुपानी व मैगी प्वाइंट जैसे स्थलों भी शाम को सैलानियों से अटे पड़े रहते हैं। वीकेंड पर यहां लोग परिवार के साथ खाने-पीने पहुंचते हैं। इस वीकेंड न तो दून के लोग इन पर्यटन स्थलों की सैर को निकल पाएंगे और न ही बाहर से सैलानी पहुंच पाए।
सभी होटल-गेस्ट हाउस खाली
मसूरी में करीब 350 होटल व गेस्ट हाउस खाली पड़े हुए हैं। यहां करीब 25 हजार सैलानी ठहर सकते हैं। पर्यटन के पीक सीजन में यहां पांव रखने को जगह नहीं मिलती और अकसर सैलानियों को वापस दून लौटना पड़ता है। धनोल्टी, काणाताल, बुरांशखंडा व कैम्पटी में भी 50 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस हैं, जिनमें सन्नाटा है।
मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि आपदा के कारण सैलानियों ने बुकिंग रद कर दी है। अगले 10 दिन तक होटलों में कोई बुकिंग नहीं है।
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