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    एम्स ऋषिकेश के विस्तारीकरण के लिए 200 एकड़ भूमि मांगी, निदेशक ने मुख्यमंत्री से की भेंट

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Fri, 09 Jul 2021 08:19 PM (IST)

    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस ...और पढ़ें

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    निदेशक एम्स ने मुख्यमंत्री को संस्थान में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर जरूरी तैयारियों से अवगत कराया।

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान निदेशक एम्स ने मुख्यमंत्री को संस्थान में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर की गई जरूरी तैयारियों से अवगत कराया। साथ ही एम्स के विस्तारीकरण के लिए लंबित 200 एकड़ भूमि की उपलब्धता प्रकरण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

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    गुरुवार रात्रि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी से देहरादून में मुलाकात कर उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री जाने पर बधाई दी। निदेशक ने मुख्यमंत्री को एम्स ऋषिकेश में मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही वर्ल्‍ड क्लास स्वास्थ्य सेवाओं से अवगत कराया। बताया कि एम्स में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों से नियमित तौर पर मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं। उन्होंने कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर संस्थान में की गई जरूरी तैयारियों से अवगत कराया। बताया कि आईडीपीएल में संचालित डीआरडीओ के 400 बेड के अस्पताल के अतिरिक्त तीसरी लहर के मद्देनजर एम्स में बच्चों के लिए 100 बेड का एनआइसीयू व वयस्कों के लिए 200 अतिरिक्त बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू तैयार किया है। जिसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

    साथ ही कोविड-19 की तीसरी लहर से निबटने के लिए डीआरडीओ के अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकों, नर्सिंग आफिसर्स, तकनीकी स्टाफ आदि मैनपावर का उपयोग संस्थान में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चूंकि कोरोना वायरस बार-बार अपने स्वरूप में बदलाव कर रहा है और हर बार और अधिक आक्रामक रूप अख्तियार कर रहा है, लिहाजा हमें वैक्सीनेशन पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी लोग यह जरूरी सावधानियां बरतते हैं तो कोविड की तीसरी लहर को टाला जा सकता है।

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    प्रो. रवि कांत ने मुख्यमंत्री को बताया कि एम्स की अब तक करीब आधी परियोजना ही बनकर तैयार हो पाई है। जबकि समग्र परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए विस्तारीकरण हेतु संस्थान को 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि की नितांत आवश्यकता है। जिसके लिए राज्य सरकार को पूर्व में प्रस्ताव भेजकर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है। मगर, अरसे बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिससे परियोजना का विस्तारीकरण लंबित है। उन्होंने बताया कि इससे मरीजों को कई आवश्यक उपचार देने में तकनीकी दिक्कतें पेश आ रही हैं और कई मर्तबा मरीजों को अतिरिक्त उपचार के लिए अन्यत्र एम्स संस्थानों के लिए रेफर करना पड़ता है। लिहाजा निदेशक एम्स ने उनसे एम्स परियोजना के विस्तारीकरण के लिए जल्द से जल्द 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दिशा में जल्द कार्रवाई अमल में लाने की बात कही। जिससे एम्स जैसी परियोजना के विस्तारीकरण में अनावश्यक विलंब से मरीजों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं आएं।

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