Chhath Puja 2021: अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर मांगी सुख समृद्धि, देखें तस्वीरों में
महापर्व छठ के तीसरे दिन आज बुधवार शाम को श्रद्धालुओं ने विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर अस्तांचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया। उन्होंने परिवार व समाज के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। गुरुवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व पूर्ण होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Chhath Sunrise Dehradun and Sunrise Timing in Dehradun सूर्य उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बुधवार की शाम को शहर में श्रद्धालुओं ने विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर अस्तांचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया एवं परिवार व समाज के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने संतान की रक्षा करने की कामना छठ मैया से की। गुरुवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्योपासना का यह पर्व संपन्न होगा।
महिलाओं ने समृद्धि के प्रतीक सूर्य देव के पूजन के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा है। बुधवार सुबह से ही श्रद्धालुओं ने पूजा की टोकरी में फल, चावल के लड्डू, और पूजा के सामान से सजाना शुरू कर लिया था। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देने वाले स्थान पर आम की लकड़ी व मिट्टी के चूल्हे में आटा, गुड़ और घी से ठेकुआ बनाया गया। इसके बाद शाम को सूर्य के अस्त होने के समय अर्घ्य दिया गया।
इस बार नगर निगम की ओर से ब्रह्मपुरी क्षेत्र में प्रदेश का पहला छठ पूजन पार्क बनाया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने छठ पूजन के घाट पहुंचकर अर्घ्य देकर सूर्य देव की उपासना की। लोहारवाला में बिहार समुदाय के परिवार ने जबकि मिथिला पूर्वा देवभूमि महासभा समिति ने काठबंगला में सूर्यास्त के वक्त सूर्य देव की पूजा हुई। सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिक्रमा की गई। शहर के छठघाट पूजा के रंग में रंगे दिखाई दिए। इस दौरान महिलाओं ने पारंपरिक छठ गीत गाकर संतान प्राप्ति, बच्चों की खुशहाली व उन्नति की कामना की।
सूर्य उपासना का यह छठ महापर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है और सप्तमी को प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूरा होता है। बुधवार को तीसरे दिन निर्जला व्रत धारण किए जन ने सुबह से ही घरों में प्रसाद बनाने की तैयारी की। हे छठी मइया.., शोभे ला घाट छठी माई के.., छठी माइ के लागल दरबार.. जैसे पारंपरिक गीत गाए। छठघाटों में पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने वेदियां तैयार की, जिन पर केले के थंभ से तोरणद्वार बनाए।
पूर्वा सांस्कृतिक मंच व बिहारी महासभा द्वारा तैयार किए टपकेश्वर, हरबंशवाला, चंद्रबनी, राजपुर, केशरवाला, ब्रह्मपुरी, नत्थनपुर, गुल्लरघाटी, मालदेवता, रायपुर, प्रेमनगर आदि घाटों में दोपहर बाद श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हुआ तो सभी घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गए। महिलाएं सिर पर प्रसाद की टोकरी लेकर छठ के पारंपरिक लोकगीत कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाय.., अमर सुहाग होला... गाते हुए चल रही थीं। इस दौरान व्रतियों ने घाट पर पूजा-अर्चना की। जल में खड़े होकर अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। घाटों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेवादारों के साथ पुलिस भी तैनात रही।
भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा
आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक छठी मैया भगवान सूर्य की बहन हैं। इस पर्व के दौरान छठी मैया के साथ भगवान सूर्य की पूजा-आराधना होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन दोनों की अर्चना करता है उनकी संतानों की छठी माता रक्षा करती हैं। छठ का व्रत बेहद कठिन व्रत माना जाता है। भगवान से मिली शक्ति से ही 36 घंटे का यह निर्जला कठिन व्रत संपन्न होता है।
गुरुवार को 6:41 बजे होगा सूर्योदय
गुरुवार को देहरादून में सूर्योदय 6:41 बजे रहेगा। आचार्य डा सुशांत राज के मुताबिक आसमान में बादल रहने की स्थिति में इस समय पर भगवान सूर्य का चित्र बनाकर या उनकी आराधना कर अर्घ्य दे सकते हैं।
मंत्री जोशी ने टपकेश्वर में की पूजा
लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने टपकेश्वर मंदिर परिसर स्थित घाट में बिहारी महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और सूर्य अर्घ्य दिया। जोशी ने कहा कि यह पर्व संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इस दौरान उन्होंने सभी जन को छठ की बधाई दी। इस मौके पर लल्लन सिंह, सत्येंद्र सिंह, चन्दन झा, पंडित बिपिन जोशी आदि मौजूद रहे।
संस्कृति व समर्पण का प्रतीक: गामा
छठ के पावन अवसर पर महापौर सुनील उनियाल गामा ने नगर के विभिन्न स्थानों पर पूजा-अर्चना में प्रतिभाग किया। महापौर ने कहा कि छठ हमारी सांस्कृतिक विरासत है जिसे पूर्वांचल समाज विशेष श्रद्धा भाव के साथ मनाता है। उन्होंने भगवान सूर्यनारायण व छठ मैया से समस्त देहरादून वासियों की सुख-समृद्धि व आरोग्यता की कामना की।
महापौर ने ब्रह्मपुरी क्षेत्र में राज्य के प्रथम छठ पार्क एवं भव्य सूर्य नारायण मंदिर को गत दिनों ही जनता को समर्पित किया था। छठ पूजा पार्क में श्रद्धालुओं के लिए विशेष पूजा कुंड का निर्माण भी किया गया, जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सूर्य नारायण को जल अर्पित कर रहे। महापौर ने ब्रह्मपुरी समेत दीपनगर, देहराखास में छठ पूजन में भागीदारी की। फिर टपकेश्वर स्थित नदी में सूर्य भगवान को जल अर्पित किया। इसके बाद वह प्रेमनगर स्थित टोंस नदी केकिनारे छठ पूजा महोत्सव में शामिल हुए।
कांग्रेसियों ने भी मनाया पर्व
तेग बहादुर रोड पर स्थित छठ पूजा स्थल पर कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि छठ पूजा हिंदू धर्म का महापर्व है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, अशोक कोहली, राजेंद्र खन्ना, दीपा चौहान, देवेंद्र कौर, तजेंद्र कौर, युवा कांग्रेस प्रवक्ता आरूषी सुंदरियाल, जहांगीर खान, पार्षद निखिल कुमार आदि मौजूद रहे।
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