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    स्थायी राजधानी को लेकर देहरादून में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 01 Mar 2021 09:06 PM (IST)

    गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर सर्वदलीय विपक्ष ने देहरादून में विधानसभा भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान भवन के गेट पर ताला जडऩे का भी प्रयास किया गया। जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका तो उनकी प्रदर्शनकारियों के साथ नोकझोंक हो गई।

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    गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर सर्वदलीय विपक्ष ने देहरादून में विधानसभा भवन के बाहर प्रदर्शन किया।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर सर्वदलीय विपक्ष ने देहरादून में विधानसभा भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान भवन के गेट पर ताला जडऩे का भी प्रयास किया गया। जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका तो उनकी प्रदर्शनकारियों के साथ नोकझोंक हो गई।

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    प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, सपा के प्रदेश अध्यक्ष एसएस सचान व सीपीआइ के महामंत्री समर भंडारी ने किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'ग्रीष्म-शीत सब धोखा है गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करो मौका है' के नारे लगाए । कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड छोटा राज्य होने के साथ-साथ एक गरीब राज्य भी है। वह दो-दो राजधानियों का खर्चा वहन करने की स्थिति में नहीं है। दो राजधानियां होना दासता का प्रतीक है। कहा कि दून स्थित विधानसभा के द्वार पर ताला जड़ने का प्रयास इसलिए किया, क्योंकि पूरी सरकार जब गैरसैंण के भराड़ीसैंण में है तो देहरादून के विधानभवन में स्टाफ की लंबी फौज का क्या औचित्य है। 

    गैरसैंण को मात्र ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर सरकार ने न सिर्फ राज्य के आंदोलनकारियों का अपमान किया है, बल्कि इस आंदोलन के दौरान शहादत देने वालों की भावनाओं को भी आहत किया है। उत्तराखंड की जनता ने भाजपा को पूर्ण बहुमत व डबल इंजन की सरकार दी। ऐसे में उत्तराखंड को स्थायी राजधानी देने का इससे सुनहरा समय और नहीं हो सकता है। 

    प्रदर्शन में राजेंद्र भंडारी, गरिमा महरा दसौनी, सुरेंद्र रागड़, परिणीता बडोनी, अमरजीत सिंह, नेमचंद सूर्यवंशी, डॉ. इकबाल सिद्दीकी, विशाल मौर्य, कार्तिक चांदना, फारुख अहमद, खलील अहमद, शहनवाज खान, दिनेश सकलानी, बुद्धदेव सेमवाल, अनीस कुरैशी, सोनू कुरैशी आदि उपस्थित रहे।

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