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पति ने हत्या कर मसूरी के जंगल में फेंका पत्नी का शव

दिल्ली से लापता चल रही एक महिला का शव मसूरी के कोर्ट मैकेंजी रोड पर नाग देवता के मंदिर के पास खार्इ से बरामद किया गया है। हत्या पति ने ही की थी। उसकी निशानदेही पर शव बरामद किया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 09:06 PM (IST)
पति ने हत्या कर मसूरी के जंगल में फेंका पत्नी का शव

देहरादून, [जेएनएन]: तीन दिसंबर को पीतमपुरा (दिल्ली) से लापता विवाहिता का शव शुक्रवार को मसूरी के कॉर्ट मैकेंजी रोड स्थित नागदेवता मंदिर के पास से तीन सौ फीट गहरी खाई से बरामद किया गया। शव की बरामदगी के लिए दिल्ली पुलिस की टीम गुरुवार को ही पत्नी की हत्या के आरोपी पति के साथ पहुंच गई थी।
मसूरी पुलिस के अनुसार, शिल्पी (35) पत्नी ललित निवासी हर्ष विहार पीतमपुरा, तीन दिसंबर को घर से लापता हो गई। परिजनों ने दो-तीन दिन तक सभी संभावित स्थानों पर उसकी तलाश की, मगर उसका कुछ पता नहीं चला।
आठ दिसंबर ललित ने रानीबाग थाने में शिल्पी की गुमशुदगी दर्ज करा दी। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो ललित की भूमिका संदिग्ध मिली। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने पुलिस को बताया कि शिल्पी की हत्या कर शव को वह मसूरी के जंगलों में फेंक आया है, लेकिन जिस स्थान पर उसने शव फेंका था वहां का नाम नहीं बता पा रहा था।
गुरुवार को दिल्ली पुलिस ललित को साथ लेकर मसूरी पहुंची। यहां मसूरी पुलिस के साथ ललित को उस स्थान पर ले जाया गया, जहां उसने शिल्पी का शव फेंका था। मगर शाम ढल जाने के कारण गुरुवार को शव की तलाश नहीं हो सकी। शुक्रवार सुबह पुलिस ने कॉर्ट मैकेंजी रोड स्थित नागदेवता मंदिर के पास से तीन सौ फीट गहरी खाई से बरामद कर लिया गया। मसूरी पुलिस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में देहरादून में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
फिर चेकिंग पर उठे सवाल
दिल्ली पुलिस से अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, शिल्पी की हत्या दिल्ली में ही तीन दिसंबर को कर दी गई थी। इसके बाद शव को बोरे में बंद कर उसका पति अपनी निजी गाड़ी से देहरादून लेकर आ गया और मौका पाकर मसूरी के जंगल में गहरी खाई में शव को फेंक दिया।
सवाल यह कि दिल्ली से वह मोहंड के जंगलों को पार करते हुए आशारोड़ी के रास्ते वह शहर में दाखिल हुआ होगा, लेकिन कहीं भी ललित के वाहन की चेकिंग नहीं हुई, जबकि देहरादून के आशारोड़ी पर बाहर से आने वाले सभी वाहनों की चेकिंग करने के निर्देश आला अधिकारियों की ओर से कई बार दिए जा चुके हैं।
मसूरी में ही क्यों फेंका शव
ललित चाहता तो पत्नी के शव को मोहंड के जंगलों में ही फेंक सकता था। पुलिस के मुताबिक, ललित हत्या के बाद दिल्ली से सुबह देहरादून के लिए रवाना हुआ था, मोहंड के पास उजाला होने के कारण उसे शव फेंकने की हिम्मत नहीं हुई। ऐसे में वह गाड़ी लेकर मसूरी की तरफ बढ़ गया और शाम के धुंधलके तक वह इधर-उधर गाड़ी दौड़ाता रहा। हाथीपांव के पास जब अंधेरा और सन्नाटा पसर गया तो उसने शव को गाड़ी से निकाल कर खाई में फेंक दिया।
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