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    पॉल्‍यूशन के बचने को देहरादून पहुंच रहे दिल्‍लीवासी, लेकिन यहां की हवा भी खराब; AQI पहुंचा 322

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 08:40 PM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए लोग देहरादून का रुख कर रहे हैं, लेकिन देहरादून में भी हवा की गुणवत्ता खराब है। प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोग स्वास्थ ...और पढ़ें

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    देहरादून भी खराब वायु गुणवत्ता के संकट से जूझ रहा है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दिल्लीवासी प्रदूषण से बचने के लिए उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून का रुख कर रहे हैं। लेकिन देहरादून भी खराब वायु गुणवत्ता के संकट से जूझ रहा है। दिसंबर के मध्य में देहरादून की हवा की गुणवत्ता अचानक गंभीर रूप से बिगड़ गई है।

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    बुधवार को राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 300 के पार दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। मंगलवार को भी एक्यूआइ 300 के करीब रहा था। बीते एक सप्ताह में प्रदूषण का स्तर लगभग दोगुना हो गया है, जिससे सांस के मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है। हालात ऐसे हैं कि देहरादून अब दिल्ली और बागपत जैसे अत्यधिक प्रदूषित शहरों की श्रेणी में पहुंचता नजर आ रहा है।

    चिंताजनक तथ्य यह है कि यह आंकड़ा दून विश्वविद्यालय की आब्ज़र्वेटरी में दर्ज किया गया है, जो शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर स्थित है। ऐसे में घंटाघर, प्रिंस चौक, गांधी रोड और अन्य व्यस्त क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर इससे भी अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में बनने वाली धुंध और कोहरे की परत प्रदूषक कणों को वातावरण में फंसा देती है। वाहनों से निकलने वाला धुआं, कूड़ा जलाने की घटनाएं और खुले में आग जलाना स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं।

    दून घाटी में स्थित होने के कारण हवा की दिशा और गति धीमी रहती है, जिससे प्रदूषण का फैलाव नहीं हो पाता। ठंडी हवा सघन होने के कारण प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पाते और पीएम-2.5 जैसे महीन कण लंबे समय तक हवा में तैरते रहते हैं, जो सीधे फेफड़ों पर असर डालते हैं। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार, सर्दियों में प्रदूषण समय पर छंट नहीं पाता और हवा में ही जमा रहता है, जिससे एक्यूआइ लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ठंड कम होने के बाद ही स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

    सांस के मरीजों के लिए अलर्ट

    चिकित्सकों का कहना है कि एक्यूआइ 200 के पार होते ही सांस के रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे हालात में लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचना चाहिए, मास्क का उपयोग करना चाहिए, सुबह-शाम की ठंडी और प्रदूषित हवा से दूरी बनाए रखनी चाहिए तथा घर के भीतर पर्याप्त वेंटिलेशन बनाए रखना जरूरी है।

    बीते एक सप्ताह में दून के एक्यूआइ की स्थिति

    • दिनांक, औसत एक्यूआइ
    • 17 दिसंबर, 322
    • 16 दिसंबर, 299
    • 15 दिसंबर, 189
    • 14 दिसंबर, 117
    • 13 दिसंबर, 104
    • 12 दिसंबर, 101
    • 11 दिसंबर, 199

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