खुली बहस को नहीं पहुंचे कौशिक, दिल्ली के डिप्टी सीएम बोले- अब विश्वास हो गया त्रिवेंद्र हैं जीरो वर्क CM
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड के सीएम पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अब तक मैंने सिर्फ सुना था कि त्रिवेंद्र जीरो वर्क सीएम हैं लेकिन आज जब मदन कौशिक सरकार के मात्र पांच काम गिनाने नहीं आ सके।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तराखंड के विकास कार्यों पर खुली बहस के लिए सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में तकरीबन घंटाभर कैबिनेट मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का इंतजार करते रहे। जब मदन कौशिक नहीं पहुंचे तो मनीष सिसोदिया ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सरकार में केजरीवाल मॉडल के सामने खड़े होने की हिम्मत ही नहीं है। यही वजह है कि चुनौती स्वीकार करने के बाद भी वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री अपनी सरकार के जनहित में किए गए पांच कार्य गिनाने और उन पर चर्चा करने के लिए नहीं आए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 'जब सरकार ने कोई काम किया ही नहीं तो गिनाएगी क्या, अब मुझे यकीन हो गया है कि त्रिवेंद्र सरकार जीरो वर्क सरकार है।'
बीते वर्ष दिसंबर में कुमाऊं दौरे पर आए मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने चार वर्ष के कार्यकाल में किए गए जनहित के कोई पांच कार्य गिनाने को कहा था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रदेश के विकास कार्यों पर खुली बहस की चुनौती भी दी थी। इस पर मुख्यमंत्री की तरफ से शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने मोर्चा संभालते हुए काम गिनाने की चुनौती स्वीकार कर ली थी। इसके लिए मनीष सिसोदिया ने मदन कौशिक से दिन और समय बताने को कहा था, मगर कौशिक ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस पर सिसोदिया ने खुद उन्हें पत्र भेजकर चार जनवरी को दिन के 11 बजे सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में खुली बहस के लिए आमंत्रित कर दिया।
इसके लिए मनीष सिसोदिया रविवार शाम दून आ गए। सोमवार को वह तय समय पर आइआरडीटी सभागार पहुंच गए। कौशिक के वहां न पहुंचने पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में चुनौती को स्वीकार कर उसका सामना किया जाता है, लेकिन भाजपा की संस्कृति है, चुनौती देकर भाग जाना। बीते दिनों ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने किया था। सिसोदिया ने कहा कि कौशिक ने तो सरकार के 100 काम गिनाने की बात कही थी, लेकिन जब काम गिनाने का समय आया तो भाग खड़े हुए। इससे स्पष्ट है कि त्रिवेंद्र सरकार ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिस पर वह जनता के सामने खुली बहस कर सकें। सरकार और उसके मंत्रियों ने प्रदेश की जनता के साथ छल किया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।