Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दीपावली के बाद देहरादून की आबोहवा हुई 'जहरीली', 300 के करीब पहुंचा एक्यूआइ

    Dehradun AQI दीवाली के बाद देहरादून की आबोहवा जहरीली हो गई है। शहर के ज्यादातर इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। घंटाघर क्षेत्र में एक्यूआइ 300 के करीब पहुंच गया है। प्रदूषण का यह स्तर सांस के रोगियों और बच्चों-बुजुर्गों के लिए खतरनाक है। बता दें कि लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़े खराब हो सकते हैं।

    By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 02 Nov 2024 02:00 PM (IST)
    Hero Image
    Dehradun AQI: चारों ओर पटाखों के शोर के बीच दून में वायु प्रदूषण का स्तर खासा बढ़ गया है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून । Dehradun AQI: आतिशबाजी से दून समेत ज्यादातर मैदानी शहरों की हवा में 'जहर' घुल गया। चारों ओर पटाखों के शोर के बीच दून में वायु प्रदूषण का स्तर खासा बढ़ गया है। दीपावली के दिन दून का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 270 दर्ज किया गया, जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है। इससे पहले छोटी दीपावली यानी बुधवार को यह 159 था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि, बीते वर्ष दीपावली पर दून की आबोहवा ज्यादा खराब थी। सामान्य दिनों में दून की हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रहती है और एक्यूआइ 100 से नीचे रहता है। अभी इसका असर अगले कुछ दिन तक बना रह सकता है। ऐसे में सांस के रोगियों और बच्चे-बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

    यह भी पढ़ें- Uttarakhand: सर्दियों के लिए बंद हुई विश्‍व धरोहर फूलों की घाटी, इस साल पार्क प्रशासन ने कमाए 39 लाख 39 हजार 250 रुपये

    वायु प्रदूषण की बारीकी से निगरानी

    उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली पर दून में घंटाघर, नेहरू कालोनी और ऋषिकेश के साथ ही नई टिहरी में भी वायु प्रदूषण की बारीकी से निगरानी की। दीपावली पर आतिशबाजी सामान्य बात है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनता को जागरूक करने का भी काम किया। अपील की गई कि आतिशबाजी से संयम बरता जाए। अधिक से अधिक ग्रीन पटाखे जलाए जाएं।

    इसके अलावा पानी का छिड़काव करने वाले ड्रोन की मदद भी ली गई। ताकि प्रदूषण कण हवा के माध्यम से सांसों में जहर घोलने की जगह जल्द जमीन में बैठ जाएं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार देहरादून में तीन और ऋषिकेश में एक ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव किया गया। प्रत्येक ड्रोन से एक बार में 10 लीटर पानी का छिड़काव किया गया। निर्धारित अंतराल में रात से लेकर सुबह तक ड्रोन उड़ाए गए। यह रणनीति भी वायु प्रदूषण कम करने के काम आई।

    पिछली और अबकी दीपावली में वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)

    • वर्ष, घंटाघर, नेहरू कालोनी, ऋषिकेश
    • 2024, 288, 243, 173
    • 2023, 333, 349, 196
    • 2022, 252, 242, 236
    • 2021, 348, 306, 257
    • 2020, 317 (एक स्थल), 198

    दो दिन में इस प्रकार बढ़ा प्रदूषण

    • शहर, बुधवार, गुरुवार
    • देहरादून, 159, 270
    • ऋषिकेश, 95, 190
    • टिहरी, 49, 120
    • हरिद्वार, 141, 258
    • काशीपुर, 135, 249
    • रुद्रपुर, 151, 265
    • हल्द्वानी, 122, 255
    • नैनीताल, 103, 248

    यह भी पढ़ें- Uttarakhand News: नदी में कूड़ा डालने पर अब होगा जुर्माना, वन विभाग ने अपनाया सख्त रुख

    एक्यूआइ के मुताबिक हवा का हाल

    • शून्य से 50, अच्छा
    • 51 से 100, संतोषजनक
    • 101 से 200, मध्यम
    • 201 से 300, बुरी
    • 301 से 400 बहुत बुरी
    • 401 व अधिक, अति गंभीर

    सांस के रोगियों के लिए खतरनाक हुई दून की आबोहवा

    दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि दीपावली के दौरान आतिशबाजी से वायु की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। जिससे सांस के रोगियों को परेशानी हो सकती है। प्रदूषण अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकता है। प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई होती है। खासकर फिजिकल एक्टिविटी के दौरान ज्यादा परेशानी होती है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़े खराब हो सकते हैं। इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।