Uttarakhand: सर्दियों के लिए बंद हुई विश्व धरोहर फूलों की घाटी, इस साल पार्क प्रशासन ने कमाए 39 लाख 39 हजार 250 रुपये
Valley of Flowers फूलों की घाटी जो कि एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है आज शीतकाल के लिए बंद हो गई है। इस साल पार्क प्रशासन ने 39 लाख 39 हजार 250 रुपये की कमाई की है। घाटी में 19436 पर्यटक आए जिनमें 330 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पार्क प्रशासन की आय भी अच्छी हुई।
संवाद सहयोगी, जागरण गोपेश्वर। Valley of Flowers: शीतकाल के लिए आज विश्व धरोहर फूलों की घाटी बंद हो गई। चमोली जनपद के उच्च हिमालई भ्यूंडार वैली में पुष्पावती नदी के दूसरे छोर पर स्थित नंदन कानन में इस वर्ष अच्छी तादात में प्रकृति प्रेमी पहुंचे। पर्यटकों के फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की सैर करने से पार्क प्रशासन को भी अच्छी आय हुई।
वहीं वन्य जीव सुरक्षा को देखते हुए शीतकाल में वैली में लम्बी दूरी की गश्त जारी रहेगी। इस साल घाटी में 19,436 पर्यटक पहुंचे, जिसमें 330 विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पार्क प्रशासन की आय भी अच्छी हुई।
राष्ट्रीय पार्क में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों और वन संपदा
विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज बृहस्पतिवार (31 अक्तूबर) को शीतकाल के लिए बंद कर दी गई है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा को देखते हुए पार्क प्रशासन द्वारा अभी पांच ट्रैप कैमरे घाटी के महत्व पूर्ण स्थानों पर लगाए गए हैं। ताकि इन केमरों से घाटी में हो रही हर तरह की गति विधियों पर नजर रखी जा सके।
दरअसल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क हर साल एक जून को खोली जाती है और 31 अक्तूबर को बंद कर दी जाती है। आज बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12 बजे फूलों की घाटी को आम पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया। वहीं इस साल अभी तक घाटी में करीब 19, हजार 436 पर्यटक पहुंचे, जिसमें 330 विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। इससे पार्क प्रशासन को 39 लाख 39 हजार 250 रुपये की आय प्राप्त हुई है।
काफ़ी अच्छी तादात में पहुंचे प्रकृति प्रेमी पर्यटक
फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि इस साल वैली में प्रकृति प्रेमी पर्यटक काफ़ी अच्छी तादात में पहुंचे हैं। इससे विभाग को अच्छा राजस्व प्राप्त हुआ है।
वहीं घाटी की जैवविधता और दुर्लभ वन्य जीवों की सुरक्षा को देखते हुए अभी घाटी में पांच ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। वहीं शीतकाल में बर्फबारी तक पार्क प्रशासन की रैकी टीम समय-समय पर घाटी का निरीक्षण करने के लिए जाती रहेगी।
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