नए साल में पर्यटकों को मिलेगी जाम से राहत, Dehradun में बन रही नई पार्किंग; 285 गाड़ियों को मिलेगी जगह
Parking in Dehradun राजधानी देहरादून में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को जाम से राहत देने के लिए काबुल हाउस में 285 गाड़ियों की क्षमता वाली नई पार्किंग बन रही है। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर शहर के विभिन्न स्थानों पर आटोमेटेड पार्किंग के साथ ही सतह वाली पार्किंग की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए थे।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Parking in Dehradun : शहर में पुलिस वाहन चालकों को नो पार्किंग बताकर जगह-जगह से दौड़ा देती है, लेकिन जब वही वाहन चालक पार्किंग की जगह पूछते हैं तो अधिकारी बगलें झांकने लगते हैं। दून में तमाम जगह सड़कें ही पार्किंग हैं। जाहिर है, ऐसे में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है।
इस समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने शहर के विभिन्न स्थानों पर आटोमेटेड पार्किंग के साथ ही सतह वाली पार्किंग की संभावना तलाशने के निर्देश दिए थे। जिसके क्रम में सर्वे चौक के पास काबुल हाउस वाली भूमि पर 285 वाहन क्षमता की सामान्य पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। वहीं, दो अन्य स्थलों पर शीघ्र आटोमेटेड पार्किंग का निर्माण शुरू किया जाएगा।
जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार, काबुल हाउस में 99.35 लाख रुपये से पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इसका जिम्मा ग्रामीण निर्माण विभाग को दिया गया है। ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विनीत के अनुसार, चार माह के भीतर पार्किंग तैयार कर दी जाएगी।
आटोमेटेड पार्किंग की वित्तीय निविदा 12 को खुलेगी
शहर की पहली आटोमेटेड पार्किंग का निर्माण लैंसडौन चौक से गांधी पार्क और परेड ग्राउंड के मध्य से गुजरने वाले मार्ग पर तैयार की जाएगी। वहीं, दूसरी पार्किंग का निर्माण लैंसडौन चौक पर तिब्बती मार्केट सामने बहुद्देशीय खेल भवन के पास किया जाएगा। निर्माण के लिए अक्टूबर माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी।
जिलाधिकारी ने ग्रामीण निर्माण विभाग के रायपुर खंड के अधिशासी अभियंता विनीत को कड़े निर्देश जारी कर पूरी प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराने के निर्देश दिए थे। अधिशासी अभियंता विनीत के अनुसार तकनीकी निविदा खोले जाने के बाद अब 12 दिसंबर को वित्तीय निविदा भी खोल दी जाएगी। इसके बाद चयनित कंपनी के साथ अनुबंध तैयार कर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
आटोमेटेड पार्किंग परियोजना का विवरण
- बहुद्देशीय खेल भवन के पास
- लागत, 4.96 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता, 132
- गांधी पार्क और परेड ग्राउंड के मध्य
- लागत, 4.72 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता, 129
यह होती है आटोमेटेड मकैनिकल पार्किंग
आटोमेटेड कार पार्किंग सिस्टम एक यांत्रिक प्रणाली है। जिसे कम से कम उपलब्ध स्थान में बड़ी संख्या में कारों को पार्क करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक मल्टीस्टोरी गैरेज की तरह एक आटोमेटेड पार्किंग सिस्टम कारों को कई स्तरों पर लंबवत रूप से खड़ा करता है। यह पार्किंग के लिए जगह को अधिकतम करने और भूमि के उपयोग को कम करने में मदद करता है।
इपीएस कारों के परिवहन के लिए एक यांत्रिक प्रणाली से संचालित होता है और इसलिए ड्राइवरों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। स्वचालित पार्किंग प्रणाली रोबोट वैलेट पार्किंग के समान है। ड्राइवर को कार को एपीएस के प्रवेश क्षेत्र तक ले जाना होता है।
कार को खाली करना होता है, ड्राइवर और सभी यात्रियों को कार से बाहर निकालना होता है। जैसे ही सभी यात्री बाहर निकलते हैं, कार को यांत्रिक प्रणाली द्वारा उठा लिया जाता है और सिस्टम में पार्किंग के लिए पहले से तय स्थान पर ले जाया जाता है।
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