Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Dehradun Smart City : सौंदर्यीकरण के ख्वाब में बदहाल हुआ पलटन बाजार, टाइलें भी टूटने लगीं

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Sat, 17 Sep 2022 09:54 AM (IST)

    Dehradun Smart City दावा किया गया था कि गोल्फ कार्ट की सुविधा विशेष जरूरत वाले व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी लेकिन गोल्फ गार्ट कब इस योजना से लापता हो गया यह किसी को पता ही नहीं चला।

    Hero Image
    Dehradun Smart City : पलटन बाजार के सौंदर्यीकरण का ख्वाब अधूरा। जागरण

    अंकुर अग्रवाल, देहरादून : Dehradun Smart City : स्मार्ट सिटी के तहत शहर के मुख्य पलटन बाजार के सौंदर्यीकरण का ख्वाब भी अधूरा नजर आ रहा। पलटन बाजार के सौंदर्यीकरण के शुरुआती दौर में एक काम बिजली चालित गोल्फ कार्ट चलाने का भी था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दावा किया गया था कि गोल्फ कार्ट की सुविधा विशेष जरूरत वाले व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी, लेकिन गोल्फ गार्ट कब इस योजना से 'लापता' हो गया, यह किसी को पता ही नहीं चला।

    सर्विस-डक्ट अधूरी होने से वर्षा का पानी दुकानों में घुस रहा

    दूसरा काम यहां दुकानों को एक स्वरूप में लाने के लिए फसाड का था, जिसके लिए दुकानों के छज्जे भी तोड़े गए, लेकिन दो साल में इसका टेंडर तक न हो सका। अलबत्ता, जो काम बाजार में हुए उनकी दुर्दशा सबके सामने है।

    यहां सड़क पर लगाई टाइलें टूट गईं या उखड़ने लगी हैं और सर्विस-डक्ट अधूरी होने से वर्षा का पानी दुकानों में घुस रहा है। व्यापारी परेशान हैं और खामियाजा जनता भुगत रही, स्मार्ट सिटी कंपनी चैन की बंसी बजा रही।

    स्मार्ट सिटी के अधूरे और निम्न गुणवत्ता के कार्यों का खामियाजा इस वक्त पूरा शहर भुगत रहा है। मुख्य सड़कों से लेकर शहर की गलियों तक को खोदकर भगवान भरोसे छोड़ दिया गया और इससे लग रहा ट्रैफिक जाम यहां से गुजरने वालों के लिए परेशानी का कारण बन रहा।

    बात अगर बाजार की करें तो स्मार्ट सिटी के तहत पलटन बाजार से लेकर धामावाला-पीपल मंडी तक करीब डेढ़ किमी का सौंदर्यीकरण होना था। शहर का सर्वाधिक भीड़भाड़ वाला प्रमुख बाजार भी यही है।

    लिहाजा, सपने दिखाए गए कि स्मार्ट सिटी के तहत पलटन बाजार की हर दुकान का स्वरूप एक जैसा होगा। मसलन बाहर से सभी दुकानें एक जैसी होंगी व रंग भी एक जैसा होगा। दुकानों को इस स्वरूप में लाने के लिए बाजार की सभी दुकानों के छज्जे भी तोड़े गए, लेकिन अब एक जैसा छज्जे बनाने का काम भी अधर है।

    बाजार के व्यापारी बार-बार तोड़े गये छज्जे बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इस पर कोई काम नहीं हो रहा है। होगा भी या नहीं अब तक पता नहीं है। छज्जे बनाने के बाद यहां फसाड के तहत एक जैसी लाइट लगनी थी, जो अलग-अलग रंग से बाजार को जगमग करती, लेकिन कंपनी अभी तक इसके टेंडर भी नहीं करा सकी।

    कई बार उखड़ गई टाइल

    कई माह तक पलटन बाजार की संकरी सड़क खोदकर दुकानदारी प्रभावित करने और आमजन के लिए समस्या पैदा करने के बाद अब बाजार में सीवर लाइन और नालियों के निर्माण का काम भले पूरा कर लिया गया, लेकिन नालियां चोक होने की वजह से दुकानों में गंदा पानी अभी भी भर रहा है। इसके बाद सड़क पर टाइल बिछाई गई, लेकिन टाइल टूट रही हैं या कई जगह से उखड़ चुकी हैं।

    इन टाइल के ज्यादा दिन तक बने रहने की संभावना भी काफी कम नजर आ रही है। घंटाघर की ओर से बाजार के प्रवेश द्वार को खूबसूरत बनाने का काम भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। बाजार में पूरी योजना की लागत 13.81 करोड़ है और दावा किया जा रहा कि पलटन बाजार का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, मगर सच किसी से छुपा नहीं है।

    पलटन बाजार के सौंदर्यीकरण को लेकर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को बार-बार कहा जा रहा है। काम जल्द पूरा हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे। व्यापारियों समेत आमजन को जो परेशानी हो रही, उससे हम ही नहीं सरकार भी वाकिफ हैं। यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस मामले में स्मार्ट सिटी से जुड़ी कंपनियों पर कार्रवाई जैसा कदम उठाना पड़ा। बाजार का काम जल्द पूरा हो, इसके लिए स्मार्ट सिटी की सीईओ सोनिका को निर्देश दिए गए हैं।

    - सुनील उनियाल गामा, महापौर

    स्मार्ट सिटी व नगर निगम अधिकारियों को कई बार नालियों की सफाई करवाने के लिए कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। वर्षा का पानी दुकानों में घुसने से व्यापारियों को आए दिन नुकसान उठाना पड़ रहा है। बाजार सौंदर्यीकरण का अधूरा निर्माण बड़ी आफत बन गया है। टाइलों में दरारें आने लगी हैं। इनमें फिसलकर वाहन सवार या पैदल लोग गिर रहे। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर खास नहीं दिया जा रहा है। सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं हैं।

    - पंकज मैसोन, अध्यक्ष दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल