Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देहरादून में भारी बारिश का CM धामी ने लिया जायजा, बोले-राहत और बचाव कार्यों में न हो किसी प्रकार की ढिलाई

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 09:25 AM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में भारी बारिश के बाद राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को तेजी से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाने और लापता लोगों की तलाश करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने नदियों का सर्वे कराने और संभावित बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने को कहा। शासन-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है।

    Hero Image
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की।-सूवि

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के अन्य स्थानों पर अतिवृष्टि के चलते आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद देर रात उन्होंने देहरादून के आइटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में हुई बैठक में स्थिति की समीक्षा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत-बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करें।

    मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। साथ ही आपदा प्रभावित जिलों में हुए नुकसान का ब्योरा लिया और राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें तत्काल हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। जो लोग लापता हुए हैं, उनकी खोजबीन युद्धस्तर पर करने के साथ ही फंसे नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

    मौसम विभाग की ओर से जारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए अगले तीन दिन सभी जिलों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। साथ ही राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने और जिलों व विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर राहत-बचाव कार्य प्रभावी ढंग से संचालित करने को कहा। उन्होंने मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया।

    अलर्ट मोड में है शासन-प्रशासन 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं और किसी भी आपात स्थिति निबटने के लिए तैयार है। उन्होंने एसडीआरएफ और ऊर्जा निगम की कार्यशैली को भी सराहा। उन्होंने जिला प्रशासन को संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने और राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    स्वास्थ्य विभाग रहे सचेत 

    मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को विशेष हिदायत देते हुए कहा कि आपदा के बाद फैलने वाली संभावित बीमारियों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। लिहाजा, विभाग इसके अनुरूप कदम उठाना सुनिश्चित करे।

    नदियों का कराएं सर्वे

    प्रदेश में नदियों का सर्वे कराने पर भी मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि सर्वे में यह देखा जाना चाहिए कि नदियों का तल कितना ऊपर बढ़ गया है। यह पहले कितना था और वर्तमान में कितना है, इसकी अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने नदियों और नालों की ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का कार्य अविलंब प्रारंभ कराने को भी कहा।

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में सांपों से विष निकालने को नियम होंगे कड़े, इस वजह से लिया गया फैसला

    मुख्यमंत्री ने यह भी दिए निर्देश

    • प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाते हुए सभी आवश्यक संसाधनों को रखें सक्रिय।
    • आपदा से बचाव में साहसिक कार्य करने वाले जवानों और नागरिकों को सम्मानित किया जाए।
    • प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित कराने के साथ ही पानी की गुणवत्ता की निरंतर कराएं जांच।
    • टिहरी-नरेंद्रनगर मार्ग को जल्द सुचारू कराए बीआरओ।
    • बीजापुर कैनाल को दो दिन के भीतर दुरुस्त कराया जाए।
    • मसूरी में रुके यात्रियों को गंतव्य स्थल तक रवाना करने की समुचित व्यवस्था की जाए।
    • पर्वतीय क्षेत्रों में मार्ग बाधित होने के दृष्टिगत यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां सब्जी, राशन, दूध समेत आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न हो।