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    उत्‍तराखंड में युवाओं के आंदोलन में लगे ‘छीन के लेंगे आजादी’ के नारे, कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 12:39 PM (IST)

    उत्तराखंड में पेपर लीक मामले को लेकर युवाओं का आंदोलन राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस ने आंदोलन में लगे नारों का समर्थन किया है वहीं भाजपा ने इसे जिहादी और विपक्ष का एजेंडा बताया है। सरकार ने दोषियों पर कार्रवाई की है लेकिन युवाओं का प्रदर्शन जारी है। आंदोलन में आ रहे बदलाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं।

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    आंदोलन के दौरान नारों में दिख रही तल्खी का कांग्रेस ने किया समर्थन। फाइल

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने आउट होने के विरोध में युवाओं के आंदोलन को लेकर प्रदेश में राजनीति गर्मा गई है।

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    युवाओं के भविष्य और परीक्षा की शुचिता को लेकर प्रारंभ हुए आंदोलन में ‘छीन के लेंगे आजादी’ जैसे नारे और पड़ोसी देश नेपाल की भांति इसे रंग देने के सुरों में तेजी आ रही है। आंदोलन में आ रहे इस बदलाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं।

    नारों में दिख रही तल्खी को व्यवस्था और प्रदेश सरकार के विरोध से जोड़कर कांग्रेस ने परोक्ष समर्थन जता दिया है। वहीं, भाजपा ने तीखा पलटवार करते हुए नारों को जिहादी बताने के साथ आंदोलन को भाजपा विरोध के देश में चलाए जा रहे एजेंडे की कड़ी करार दिया है।

    भर्ती परीक्षा में नकल का प्रकरण सामने आने के बाद युवाओं में रोष है। यद्यपि, प्रदेश सरकार ने भी पूरी सावधानी बरतते हुए इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया अभी तक जो भी दोषी चिह्नित

    हुए हैं, उनके विरुद्ध कड़ा कदम उठाया है। इसके बावजूद युवाओं का आंदोलन तेज हुआ है। परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में जिस प्रकार अब अन्य तत्व भी सम्मिलित हो रहे हैं, उसका प्रभाव भी दिखाई देने लगा है।

    आंदोलन के दौरान ऐसे नारे लग रहे हैं, जिन पर सत्ताधारी दल भाजपा को सख्त आपत्ति है। सत्ताधारी दल इस आंदोलन में वाम रुझान वाले उग्र तत्वों की बढ़ती भागीदारी से सशंकित है। वहीं, कांग्रेस की भूमिका पर भी भाजपा सवाल खड़े कर रही है।

    प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस इस आंदोलन को समर्थन दे रही है। ऐसे में कांग्रेस के समर्थन के साथ चल रहे आंदोलन में आपत्तिजनक नारेबाजी के पीछे भाजपा विपक्ष के एजेंडे को देख रही है। यद्यपि, कांग्रेस ने भाजपा की आपत्ति को सिरे से खारिज किया है।

    सरकार के विरोध में लग रहे नारे: धस्माना

    विपक्षी दल का कहना है कि नारों में मौजूदा व्यवस्था में विसंगतियों के विरोध में गुस्सा जाहिर हो रहा है।

    कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा झूठ फैलाकर आंदोलन को भ्रमित करना चाहती है। उन्होंने तर्क दिया कि आंदोलन में नकल माफिया हाकम सिंह, धर्मेंद्र चौहान और धामी सरकार के विरोध में नारे लग रहे हैं। इससे घबराकर सत्ताधारी दल दुष्प्रचार कर रहा है।

    जिहादी नारे देवभूमि की संस्कृति का हिस्सा नहीं: चमोली

    उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक विनोद चमोली ने कहा कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को सुधारने के लिए आंदोलन में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जिस प्रकार आपत्तिजनक नारे लग रहे हैं, उसमें यह सोचा जाना चाहिए

    कि आंदोलन किस दिशा में जा रहा है। परेड मैदान से जिहादी नारे लग रहे हैं। भगवा देवभूमि की संस्कृति का हिस्सा है, प्रदेश में यदि भगवा नहीं चलेगा तो क्या चांद-सितारे चलेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन युवाओं के हित में नहीं, बल्कि कांग्रेस और विपक्ष के भाजपा के विरुद्ध देशव्यापी एजेंडे का हिस्सा है।