Uttarakhand News: ऊर्जा के उजाले में 25 साल, दून बना प्रदेश का पावर कैपिटल
उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर देहरादून विकास की दौड़ में आगे रहा है। आबादी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है। ऊर्जा निगम ने विद्युत व्यवस्था को मजबूत किया है और देहरादून प्रदेश का पावर कैपिटल बन गया है। शहर में भूमिगत लाइनें और स्मार्ट मीटर परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएँ मिल रही हैं।

तेजी से फैलते शहर की आबादी बढ़ी कई गुना, विद्युत व्यवस्था भी हुई स्मार्ट
विजय जोशी, जागरण देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, और राजधानी देहरादून इस सफर में विकास की दौड़ में सबसे आगे रही है। कभी शांत, हरे-भरे शहर के रूप में पहचाने जाने वाला दून अब एक आधुनिक और विस्तारशील शहरी केंद्र बन चुका है।
इसी के साथ शहर की आबादी और बिजली की मांग दोनों में कई गुना इजाफा हुआ है। 2001 में जहां देहरादून शहर की आबादी लगभग पांच लाख थी, वहीं वर्ष 2025 में यह 12 लाख से अधिक पहुंच गई है। इसके साथ ही विद्युत व्यवस्था भी तेजी से मजबूत हुई और अब दून प्रदेश का पावर कैपिटल बन चुका है।
राज्य गठन के समय (2001-02) ऊर्जा निगम के पास करीब 8.4 लाख उपभोक्ता थे। अब यह संख्या लगभग 28 लाख को पार कर चुकी है। इसी अवधि में राज्य की कुल ऊर्जा मांग 1466 मेगावाट से बढ़कर 8918 मेगावाट तक पहुंच गई है। नगर निगम क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए सैकड़ों नए सब-स्टेशन, ट्रांसफार्मर और लाइन नेटवर्क स्थापित किए गए हैं।
देहरादून में ही कई पुराने बिजली घरों को अपग्रेड किया गया और अत्याधुनिक आरटी-डीएएस सिस्टम, कैपेसिटर बैंक, और आधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2022-23 में देहरादून की ऊर्जा आवश्यकता 2541 एमयू थी, जो 2027-28 तक लगभग 3260 एमयू तक पहुंचने का अनुमान है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए निगम नेटवर्क विस्तार, ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि और नई सब-स्टेशन परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
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भूमिगत लाइन और स्मार्ट मीटर: नई दिशा की पहल
देहरादून पहला ऐसा शहर है जहां विश्व बैंक पोषित योजना के तहत बिजली की लाइनें भूमिगत की जा रही हैं। मुख्य मार्गों और घनी आबादी वाले इलाकों में ओवरहेड तारों को हटाकर 92 किमी 33 केवी, 230 किमी 11 केवी और 608 किमी एलटी लाइनों को अंडरग्राउंड करने की योजना है। साथ ही, स्मार्ट मीटर परियोजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है। ऊर्जा निगम तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिनमें सबसे पहले देहरादून के उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
तकनीक से पारदर्शिता और उपभोक्ता सुविधा
आधुनिक तकनीक अपनाने से न सिर्फ बिजली आपूर्ति सुधरी है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए शिकायत निवारण भी आसान हुआ है। डिजिटल बिलिंग, ऑनलाइन रीडिंग, और मोबाइल एप आधारित सेवा व्यवस्था ने उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाया है। ऊर्जा निगम की प्राथमिकता है कि उपभोक्ताओं को बिना बाधा, गुणवत्तापूर्ण बिजली मिले।

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