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    रणबीर हत्याकांड के पांच दोषियों को जमानत, वर्ष 2009 में दून में पुलिस ने किया था रणबीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर

    By Jagran NewsEdited By: Sunil Negi
    Updated: Sat, 26 Nov 2022 01:20 AM (IST)

    Dehradun Crime News देहरादून के बहुचर्चित रणबीर हत्याकांड के पांच दोषियों को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। ये पांचों दोषी पुलिस विभाग से बर्खास्त हैं। बता दें कि वर्ष 2009 में दून में पुलिस ने रणबीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया था।

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    रणबीर सिंह हत्याकांड में दोषी ठहराए गए पांच पुलिसकर्मियों को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : बहुचर्चित रणबीर सिंह हत्याकांड में दोषी ठहराए गए पांच पुलिसकर्मियों को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है। इनमें इंस्पेक्टर संतोष कुमार जायसवाल, दारोगा नितिन चौहान, नीरज यादव, जीडी भट्ट और कांस्टेबल अजीत शामिल हैं। पांचों दोषी पुलिस विभाग से बर्खास्त हैं।

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    शरीर पर मिले थे गोलियों के दो दर्जन से अधिक निशान

    दून में तीन जुलाई 2009 को गाजियाबाद निवासी रणबीर सिंह का पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया था। रणबीर एमबीए का छात्र था। उसके शरीर पर गोलियों के दो दर्जन से अधिक निशान मिले थे। पुलिस का कहना था कि रणबीर पर उन्हें वसूली गिरोह के सदस्य होने का संदेह था और उसने तत्कालीन चौकी प्रभारी आराघर जेडी भट्ट की सर्विस रिवाल्वर लूटने का प्रयास किया था। इसीलिए उसका एनकाउंटर करना पड़ा।

    कोर्ट ने 18 पुलिसकर्मियों को दिया था दोषी करार

    हालांकि, न्यायालय में पुलिस की कहानी फर्जी साबित हुई। वर्ष 2014 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड के 18 पुलिसकर्मियों को हत्या, अपहरण, सुबूत मिटाने, आपराधिक साजिश रचने और गलत सरकारी रिकार्ड तैयार करने का दोषी करार दिया था।

    मामूली कहासुनी होने पर कर दिया फर्जी एनकाउंटर

    घटना वाले दिन रणबीर सिंह नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गाजियाबाद से दून आया था। यहां किसी बात को लेकर उसकी कुछ पुलिसकर्मियों से मामूली कहासुनी हो गई। इस पर पुलिस ने उसे बदमाश बताकर मार डाला और घटना को एनकाउंटर करार दे दिया।

    सीबीआइ जांच चला फर्जी एनकाउंटर का पता

    इसके लिए पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया गया था। बाद में रणबीर के परिवार की मांग पर मामले की सीबीआइ जांच हुई, तब फर्जी एनकाउंटर से पर्दा उठा। जांच में पता चला कि उत्तराखंड पुलिस ने खुन्नस निकालने के लिए रणबीर का फर्जी एनकाउंटर किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले का ट्रायल उच्च न्यायालय दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।

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