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वेतन न मिलने पर फूटा सफाई कर्मचारियों का गुस्सा, सफाई व्यवस्था ठप कर धरना देने की दी चेतावनी

दो माह से वेतन न मिलने से गुस्साए छावनी परिषद देहरादून के सफाई कर्मचारियों ने कैंट बोर्ड दफ्तर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सीईओ तनु जैन से मुलाकात की। चेतावनी दी कि अगर जल्द ही वेतन नही दिया गया तो कर्मचारी सफाई व्यवस्था ठप कर धरने पर बैठ जाएंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 02:05 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 02:05 PM (IST)
वेतन न मिलने पर फूटा सफाई कर्मचारियों का गुस्सा, सफाई व्यवस्था ठप कर धरना देने की दी चेतावनी
वेतन न मिलने पर फूटा सफाई कर्मचारियों का गुस्सा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दो माह से वेतन न मिलने से गुस्साए छावनी परिषद देहरादून के सफाई कर्मचारियों ने कैंट बोर्ड दफ्तर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सीईओ तनु जैन से मुलाकात की। चेतावनी दी कि अगर जल्द ही वेतन नही दिया गया तो कर्मचारी सफाई व्यवस्था ठप कर धरने पर बैठ जाएंगे। सीईओ ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि 31 जुलाई को सभी कर्मचारियों को दो माह का वेतन एक साथ दिया जाएगा। इसके बाद सफाई कर्मचारी शांत हुए।

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दरअसल, कैंट बोर्ड के पास बजट का अभाव बना हुआ है। आलम यह है कि सफाई कर्मचारियों तक को वेतन देने के लिए बजट नहीं है। सफाई कर्मचारियों को विगत दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है। जिसको लेकर सफाई कर्मचारी कई दिन से आंदोलन कर रहे हैं। कुछ दिन पहले भी उन्होंने कार्यालय अधीक्षक के कार्यालय में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। जिस पर कार्यालय अधीक्षक ने उन्हें जल्द वेतन दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन जब वेतन नहीं मिला तो नाराज कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया और सीईओ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने के कारण उनके सामने भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। बच्चों की फीस आदि भी नहीं भर पा रहे हैं।

सफाई कर्मियों की अनदेखी सरकार को पड़ेगी भारी

स्वच्छता समिति व नाला गैंग बढ़ती समस्याओं से तंग आकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। शुक्रवार को अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजकुमार ने उनसे मुलाकात कर धरने को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी।11 सूत्रीय मांगों को लेकर नाला गैंग व स्वच्छता समिति से जुड़े सफाई कर्मचारी पिछले पांच दिनों से नगर निगम परिसर में धरने पर बैठे हैं।

पूर्व विधायक ने बताया कि उन्होंने कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा है। कहा कि भाजपा सरकार स्वच्छ भारत अभियान की बात करती है परंतु उसके उलट स्वच्छता कर्मियों को परेशान करने का कार्य कर रही है। आज सफाई कर्मियों की ऐसी हालत हो गई है कि वह अपना घर चलाने मे असमर्थ हैं।

पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि यह सफाई कर्मी पिछले पांच दिनों से धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं, लेकिन राज्य सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।

सफाई कर्मी कई सालों से संविधा पर कार्य करते आ रहे हैं, उन्हें अभी तक स्थायी नहीं किया गया है। शहर के सौ वार्डों में से ऐसी कई वार्ड हैं, जहां सफाई कर्मियों की बहुत आवश्यकता है, लेकिन अभी तक उनके लिए कोई भी भर्तियां नहीं निकाली गई है जो कि निंदनीय है। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश सचिव सोम प्रकाश वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।

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