Uttarakhand Weather Update: मानसून की विदाई के बाद भी आफत, अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई दोगुनी बारिश
उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बाद भी बारिश जारी है जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बागेश्वर और चमोली में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। देहरादून और रुद्रप्रयाग में भी भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बावजूद बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही बादलों ने फिर से आफत बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, बीते एक सप्ताह में प्रदेश में औसतन 22.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य (11.5 मिमी) से लगभग दोगुनी यानी 97 प्रतिशत अधिक है। बागेश्वर और चमोली में सर्वाधिक वर्षा हुई। देहरादून और रुद्रप्रयाग में भी झमाझम वर्षा हुई।
सबसे ज्यादा बारिश बागेश्वर जिले में हुई, जहां 39.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 492 प्रतिशत अधिक है। रुद्रप्रयाग में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही, जहां 41 मिमी बारिश सामान्य से 453 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई। वहीं चमोली जिले में 28.7 मिमी बारिश के साथ 379 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
राजधानी देहरादून में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। यहां 29.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 120 प्रतिशत अधिक है। हरिद्वार में 252 प्रतिशत और ऊधम सिंह नगर में 241 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। हालांकि, कुछ जिलों में राहत के संकेत भी मिले हैं।
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पिथौरागढ़ में सामान्य से 15 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई, जबकि उत्तरकाशी और नैनीताल जिलों में वर्षा सामान्य के आसपास रही। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण अक्टूबर के शुरुआती दिनों में उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहा।
पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर ओलावृष्टि और भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग के अनुसार, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम के बदलते मिजाज के चलते भूस्खलन की आशंका है, जिससे लोग सहमे हुए हैं।
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