Uttarakhand Disaster: धराली आपदा में मृत व्यक्तियों की DNA से होगी पहचान, CM धामी ने स्वीकृत किए 93 लाख रुपये
मुख्यमंत्री धामी ने धराली आपदा में मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण हेतु 93 लाख रुपये मंजूर किए। खीरगंगा में आई बाढ़ से धराली तबाह हो गया जिसमें कई लोग लापता हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में सीवेज नेटवर्क सुदृढ़ करने के लिए 100 करोड़ रुपये और 12 नगर निकायों में देवभूमि रजत जयंती पार्क बनाने के लिए 13 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। केदारनाथ आपदा की तर्ज पर उत्तरकाशी जिले के धराली में आई आपदा में जान गंवाने वाले मृतकों की पहचान डीएनए नमूनों के परीक्षण और प्रोफाइल मिलान से होगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून को विभिन्न उपकरणों, रसायनों व कंज्यूमेबल्स की आवश्यकता के दृष्टिगत 93 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
खीरगंगा के रास्ते आई तबाही ने धराली कस्बे को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया था। वहां से मलबे में दबे दो शव बरामद हुए थे, जबकि 67 लोग लापता हैं। यद्यपि, वहां खोज कार्य जारी है। अब सरकार ने धराली में मलबे में दबे मृत शरीर के अंगों की डीएनए नमूनों के परीक्षण व प्रोफाइल मिलान से मृतकों की पहचान कराने का निर्णय लिया है।
इसके लिए विधि विज्ञान प्रयाेगशाला को उपकरणों आदि की खरीद के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। बता दें कि जून, 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद भी मृतकों की पहचान के लिए यही तरीका अपनाया गया था।
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हरिद्वार व ऋषिकेश में सुद़ृढ़ होगा सीवेज नेटवर्क
मुख्यमंत्री ने जर्मनी की वित्तीय संस्था केएफडब्लू से वित्त पोषित योजना के तहत गंगा तट पर बसे हरिद्वार व ऋषिकेश शहरों में सीवेज नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये अवमुक्त करने के प्रस्ताव को अनुमोदन दे दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य के 12 नगर निकायों में देवभूमि रजत जयंती पार्कों के निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपये जारी करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित कर दिया है।
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