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    देहरादून की डिफेंस कॉलोनी में भूमि फर्जीवाड़ा, 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा

    Updated: Tue, 11 Feb 2025 10:13 AM (IST)

    देहरादून की डिफेंस कालोनी में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। डिफेंस कालोनी की द सैनिक सहकारी आवास समिति के भूखंडों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। समिति के मूल लेआउट प्लान में छेड़छाड़ कर 680 की जगह 726 प्लाट तैयार कर दिए गए। ओपन स्पेस पार्क और अन्य सामुदायिक उपयोग के लिए आरक्षित की गई भूमि भी प्लाटिंग कर बेची गई।

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    डिफेंस कालोनी में प्लाट फर्जीवाड़ा, 16 पूर्व सैन्य अफसरों पर मुकदमा

    जागरण संवाददाता, देहरादून। डिफेंस कालोनी की 'द सैनिक सहकारी आवास समिति' के भूखंडों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। समिति के मूल लेआउट प्लान में छेड़छाड़ कर 680 की जगह 726 प्लाट तैयार कर दिए गए। ओपन स्पेस, पार्क और अन्य सामुदायिक उपयोग के लिए आरक्षित की गई भूमि भी प्लाटिंग कर बेची गई। इस तरह सार्वजनिक उपयोग वाली 18 हजार से अधिक वर्गमीटर भूमि पर खेल कर दिया गया।

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    प्रकरण में समिति के सदस्य कर्नल रमेश प्रसाद सिंह (सेनि.) की तहरीर पर नेहरू कालोनी पुलिस ने 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। सभी अधिकारी कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, कमांडेंट, स्क्वाड्रन लीडर और मेजर पद से सेवानिवृत्त हैं।

    पुलिस को दी गई तहरीर में कर्नल रमेश प्रसाद (सेनि.), ले. कर्नल त्रिजीवन सिंह पयाल (सेनि.) व विजय मोहन नाथ निवासी सेक्टर-चार, डिफेंस कालोनी ने बताया कि वह डिफेंस कालोनी सोसाइटी के सदस्य हैं। 'द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड' का रजिस्ट्रेशन वर्ष 1967 में रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव सोसाइटी, लखनऊ के अंतर्गत किया गया था। जिसका गठन सैनिक, पूर्व सैनिक और सैनिक परिवारों की आवासीय जरूरत और अन्य कल्याण के लिए किया गया था।

    प्रारंभिक तौर पर 680 प्लाटों का स्वीकृत लेआउट प्लान तैयार हुआ। जिसे 13 दिसंबर 1967 को यूपी टाउन एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट, लखनऊ की स्वीकृति के अंतर्गत मान्यता मिली। लेकिन, समय के साथ समिति के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों ने प्लाट की संख्या मनमाने और फर्जी ढंग से बढ़ाकर 726 कर दी। इस तरह 18 हजार वर्गमीटर से अधिक सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर प्लाटिंग कर उसे बेच दिया गया।

    आरोप है कि समिति के नियमों के विपरीत जाकर गैर सैन्य पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को भी प्लाट बेचे गए। यहां तक कि सर्किल रेट से भी कम दर पर प्लाट बेचे गए। जिससे मोटी धनराशि की उगाही की गई है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    इनके विरुद्ध दर्ज हुआ मुकदमा

    सेवानिवृत्त कर्नल आरएस कली, वीरभान सिंह, एसएम गुसांई, आरएस पैन्यूली व एसएल पैन्यूली। सेवानिवृत्त कैप्टन टीपी कुंडालिया, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल एएस कंडारी, पीएस राणा, सीपी सती, जीएस बिष्ट, एसएस बिष्ट व एसपीएस नेगी। सेवानिवृत्त मेजर एमएस नेगी व सेवानिवृत्त कमांडेंट एसएस रावत। सेवानिवृत्त पीओएमए वीके नौटियाल व सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर एसएस बिष्ट।

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