अंतरराज्यीय परिवहन खोलने पर फैसला आज, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होनी है उच्च स्तरीय बैठक
राज्य सरकार ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही। अनलॉक-3 के अंतर्गत सरकार अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं को खोलने पर विचार कर रही है।
देहरादून, जेएनएन। राज्य सरकार ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही। अनलॉक-3 के अंतर्गत सरकार अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं को खोलने पर विचार कर रही है। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश रोडवेज के अधिकारी भी दोनों प्रदेशों के बीच बस सेवा पुन: बहाल करने की मांग सरकार से कर चुके हैं। इसे लेकर आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक होनी है।
सरकार ने 22 जून से राज्य के भीतर किराया दोगुना कर निजी, रोडवेज बसों और अन्य व्यवसायिक वाहनों के संचालन की अनुमति दी थी। निजी वाहनों के चक्के तो लगभग एक माह बाद घूमे, लेकिन रोडवेज ने बसों के पहिए 25 जून से घुमा दिए थे। रोडवेज ने किराया 67 फीसद ही बढ़ाने का निर्णय लिया था। हालांकि, अंतरराज्यीय परिवहन शुरू न होने से मौजूदा समय में रोडवेज व निजी बसें प्रदेश के अंदरूनी मार्गों पर ही चल रहीं। यही नहीं, प्रदेश के एक जनपद से दूसरे जनपद के बीच यदि उत्तर प्रदेश का मार्ग पड़ता है तो वहां अभी बसें नहीं चलाई जा रहीं।
अंतरराज्यीय परिवहन नहीं खुलने से रोडवेज और निजी ट्रांसपोर्टरों को घाटा उठाना पड़ रहा। रोडवेज के कर्मचारी संगठन व निजी बस आपरेटर भी सरकार से लगातार अंतरराज्यीय परिवहन खोलने की मांग कर रहे। पिछले दिनों यूपी रोडवेज की ओर से भी इस संबंध में उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजा गया था।
रश्मि पंत बनीं दून की एआरटीओ प्रवर्तन
शासन ने परिवहन मुख्यालय में तैनात एआरटीओ रश्मि पंत को देहरादून के एआरटीओ प्रवर्तन की जिम्मेदारी दी है। इस पद पर तैनात एआरटीओ अरविंद पांडेय को शासन ने ऋषिकेश एआरटीओ (प्रशासन) के पद पर भेजा है। पिछले हफ्ते पांडेय को बतौर कार्यवाहक एआरटीओ के रूप में ऋषिकेश भेजा गया था, लेकिन यात्र सीजन को देख शासन ने उन्हें ऋषिकेश एआरटीओ की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी सौंप दी है। ऋषिकेश एआरटीओ रहीं अनीता चमोला को पर पदोन्नति के बाद उन्हें मुख्यालय में सहायक परिवहन आयुक्त पद पर भेजा गया था।
उत्तराखंड परिवहन निगम की कमाई छह लाख रुपये घटी
कोरोना अनलॉक-1 के तहत रोडवेज ने 25 जून से प्रदेश के भीतरी मार्गो पर बसों का संचालन शुरू किया था। शुरुआत में 92 बसें संचालित की गईं, जो वर्तमान में 300 तक पहुंच गई थी। अब बरसात की वजह से पहाड़ी मार्गों पर बसों का संचालन काफी घट गया है। दून-मसूरी मार्ग भी बंद है। ऐसे में बसों की संख्या घटकर 230 रह गई है। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि पिछले दिनों रोडवेज की कमाई 18 लाख रुपये रोजाना पहुंच गई थी, मगर पहाड़ी मार्गो के बंद होने व बसों की संख्या कम होने से इन दिनों कमाई 12 लाख रुपये प्रतिदिन तक आ गई है। रोडवेज महाप्रबंधक ने बताया कि अगर अंतरराज्यीय परिवहन की मंजूरी मिल जाती है तो रोडवेज पहले चरण में करीब 750 बसें रोजाना संचालित कर सकता है।
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