उत्तराखंड में Cyber Crime पर अब तेजी से कसेगा शिंकजा, दून में फारेंसिक साइंस लैब के साथ खुलेगी साइबर लैब
देहरादून में अब साइबर अपराधों की जांच के लिए आधुनिक साइबर लैब खुलने जा रही है। इससे पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच रिपोर्ट समय पर मिल सकेगी और दिल्ली चंडीगढ़ हैदराबाद पर निर्भरता कम होगी। नए कानूनों के तहत साइबर अपराधों की जांच में तेजी आएगी खासकर अंकिता हत्याकांड जैसे मामलों में। यह लैब फारेंसिक साइंस लैब के साथ ही खुलेगी।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। डिजीटल युग में अपराध से जुड़े 90 प्रतिशत केस इलेक्ट्रानिक उपकरणों से ही खुल रहे हैं। देश में शुरू हुए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में एफआइआर दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक समय सीमा तय की गई है।
वहीं साइबर अपराध के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की उपयोगिता और भी बढ़ गई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही आधुनिक साइबर लैब शुरू करने जा रही है, जिसमें तमाम इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों की जांच होगी और समय पर रिपोर्ट मिल सकेगी।
प्रदेश में साइबर लैब न होने के चलते उत्तराखंड पुलिस को इलेक्ट्रानिक उपकरणों मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्डवेयर व अन्य डिवाइस की रिपोर्ट के लिए सेंट्रल लैब दिल्ली, चंडीगढ़ व हैदराबाद पर निर्भर होना पड़ता था।
हाईप्रोफाइल अंकिता हत्याकांड व रजिस्ट्री घोटाले से जुड़े इलेक्ट्रानिक उपकरणों को भी जांच के लिए सेंट्रल लैबों में भेजने पड़े थे, जिसकी समय पर रिपोर्ट न आने के कारण पुलिस विभाग को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। अब फारेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के साथ ही साइबर लैब खुलने जा रहे हैं, जहां से समय पर रिपोर्ट मिल सकेगी।
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