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    राजधानी में तेजी से फैल रहा साइबर ठगों का मकड़जला, हर रोज फंस रहे सात लोग; ऐसे लेते हैं झांसे में

    साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक औसतन प्रतिदिन सात व्यक्ति साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर ठग फेसबुक यूपीआइ ओएलएक्स वाट्सएप इंस्टाग्राम क्रेडिट और डेबिट कार्ड पेटीएम गूगल फोन पे के माध्यम से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

    By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 12:15 PM (IST)
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    राजधानी में तेजी से फैल रहा साइबर ठगों का मकड़जला।

    सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। देहरादून जिले में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक औसतन प्रतिदिन सात व्यक्ति साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर ठग फेसबुक, यूपीआइ, ओएलएक्स, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, पेटीएम, गूगल, फोन पे के माध्यम से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

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    आंकड़ों की बात करें तो जिले में 2020 में साइबर अपराध से जुड़ी 2120 शिकायतें आई थीं, जबकि 2021 तक सात माह में यह आंकड़ा 1492 पहुंच गया है। 2020 में साइबर ठगी के 60 मुकदमे दर्ज किए गए, वहीं 2021 में अब तक 150 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। क्राइम रिकार्ड के अनुसार अन्य अपराधों के मुकाबले साइबर अपराध ज्यादा बढ़े हैं। 2020 में अन्य अपराधों के तहत 2637 और इस वर्ष 3737 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

    एकजनवरी से अब तक नौ करोड़ 61 लाख उड़ा चुके हैं शातिर

    साइबर ठग जिले में एक जनवरी से अब तक नौ करोड़ 61 लाख रुपये कई व्यक्तियों के बैंक खातों से उड़ा चुके हैं। जबकि पुलिस 16 लाख रुपये पीड़ितों को वापस दिलवा चुकी है।

    चाइल्ड क्राइम के मामलों में भी तेजी

    ठगी के अलावा यदि चाइल्ड क्राइम की बात करें तो इन मुकदमों में भी तेजी आई है। इस मामले में पुलिस ने 2020 के दौरान 10 मुकदमे दर्ज किए थे, वहीं इस वर्ष सात महीनों में अब तक पांच मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

    केस स्टडी-1

    साइबर ठग ने रायपुर निवासी ललिता को फोन कर बंद पड़ी बीमा पालिसी को शुरू करने के लिए संपर्क किया। आरोपित ने खुद को इंश्योरेंस कंपनी का एजेंट बताया और कहा कि प्रीमियम जमा न होने के कारण बीमा पालिसी बंद हो गई है। उसने प्रीमियम जमा करने व पालिसी की धनराशि को शेयर मार्केट में लगाकर अधिक कमाई का लालच दिया। शातिर ठग ने 10 अक्टूबर 2014 से 12 अप्रैल 2021 तक 68 लाख रुपये अपने विभिन्न खातों में जमा करवाकर पीड़ित को मोटी चपत लगाई।

    केस स्टडी -2

    मोथरोवाला की रहने वाली चिकित्सक आरती रावत ने अपनी बेटी के जन्मदिन पर कुत्ते का बच्चा मंगवाने के लिए 20 जून को जस्ट डायल पर दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। अज्ञात व्यक्ति ने गोल्डन रिटरेविर नस्ल के कुत्ते के बच्चे की कीमत 15 हजार रुपये बताई। आरोपितों ने प्रोसेसिंग फीस, सुरक्षा, हेंडलिंग, शिपिंग व क्वारंटाइन फीस के नाम पर महिला से 22 जून से एक जुलाई तक 66 लाख 39 हजार 600 रुपये ठगे।

    केस स्टडी -3

    रायपुर में रहने वाले पूर्व सैनिक राकेश चंद्र बहुगुणा से फेसबुक पर दोस्ती कर साइबर ठगों ने 22 लाख, 39 हजार रुपये ठग लिए थे। गिरोह ने पूर्व सैनिक से मोंगोगो वाइल्ड नट्स सीड का व्यापार करने के नाम पर रकम ली थी। इसमें मुंबई के व्यापारी हर्षवर्धन से मोंगोगो वाइल्ड नट्स सीड खरीदकर यूनाइटेड किंगडम की कंपनी को सप्लाई करने की बात की गई थी, जोकि नहीं किया।

    साइबर थाना के सीओ नरेंद्र पंत ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 155260 पर सूचना दें। शिकायत नंबर मिलने पर अपनी शिकायत को आनलाइन www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करें। सूचना विलंब से देने पर साइबर अपराधियों की ओर से धनराशि बैंक से निकालने के बाद रकम वापस होने की संभावना बहुत कम होती है।

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