जल्द अमीर बनने का झांसा देकर साइबर ठग कर रहे कंगाल, उत्तराखंड में 122 मुकदमे दर्ज, लगा 84 करोड़ का चूना
Cyber Crime आजकल साइबर ठग लोगों को जल्द अमीर बनाने का लालच देकर ठग रहे हैं। वे ऑनलाइन ट्रेडिंग क्रिप्टो करेंसी और फर्जी स्कीमों के जरिए लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। देहरादून में एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को भी 44.50 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। डिजिटल युग में जहां इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी आसानी बनाई है, वहीं साइबर ठगों के लिए भी यह बड़ा हथियार बन गया है। साइबर अपराधी अधिकतर उन लोगों को निशाना बना रहे हैं, जोकि बिना मेहनत के रातोंरात अमीर बनने का सपना देख रहे हैं। डबल पैसा स्कीम, आनलाइन ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी जैसी लुभावनी योजनाओं के नाम पर साइबर अपराधी लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। इन ठगों के लिए वरिष्ठ नागरिक आसान शिकार हैं।
तमाम जागरूकता के बावजूद भी लोग आसानी से साइबर ठगों के शिकार बन रहे हैं। साइबर ठग सबसे पहले इंटरनेट मीडिया, मैसेजिंग एप या ईमेल के जरिये लोगों को तारगेट करते हैं। उन्हें बताया जाता है कि मामूली रकम निवेश करने पर कुछ ही दिनों में दोगुना या तीन गुना मुनाफा मिलेगा। कई बार फर्जी वेबसाइट व मोबाइल एप बनाए जाते हैं, जोकि बिल्कुल असली निवेश प्लेटफार्म जैसे दिखते हैं। शुरुआत में थोड़ी राशि वापस देकर विश्वास जीता जाता है और उसके बाद लोगों से लाखों रुपये ठग लिए जाते हैं।
हर साल बढ़ रहा है साइबर ठगी का आंकड़ा
- वर्ष, कुल शिकायत एनसीआरपी, मुकदमे, ठगी (करोड़ों में)
- 2021, 6381, 632, 11.40 करोड़
- 2022, 14451, 172, 40 करोड़
- 2023, 20946, 313, 69 करोड़
- 2024, 26011, 313, 167 करोड़
- 2025, 16249 (15 जुलाई तक) 122, 84 करोड़
ऐसे हो रही साइबर ठगी
फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम : साइबर ठगों की ओर से फर्जी एप व वेबसाइट बनाकर निवेश का झांसा देकर लोगों से रकम निवेश कराई जाती है। शुरुआत में थोड़ी रकम वापस करके भरोसा दिलाया जाता है, फिर लाखों रुपये हड़प लिए जाते हैं।
आनलाइन लोन एप्स : कई फर्जी लोन एप पहले आसान लोन देते हैं, फिर भारी ब्याज वसूलते हैं। रकम वापस न करने पर पीड़ितों की कांटेक्ट लिस्ट तक पहुंचकर परिवार व दोस्तों को धमकी भरे मैसेज भेजते हैं।
पार्ट टाइम जाब : घर बैठे रुपये कमाने जैसी स्कीमें बताकर युवाओं को डाटा एंट्री, रिव्यू लिखने या टास्क पूरे करने के नाम पर एप डाउनलोड करवाई जाती है। इसके बाद उनसे मोटी रकम ऐंठ ली जाती है।
आनलाइन शापिंग या फर्जी आफर: इंटरनेट मीडिया पर भारी छूट या ब्रांडेड सामान बेहद कम दाम पर दिखाकर ठगी की जा रही है। लोग रुपये ट्रांसफर करते हैं, लेकिन सामान कभी नहीं मिलता।
निवेश का झांसा देकर सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी से ठगे 44.50 लाख
देहरादून: साइबर ठगों ने दून के वरिष्ठ नागरिक को ठगी का शिकार बनाते हुए उनसे 44.50 लाख रुपये ठग दिए। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है। बैंक से सेवानिवृत्त नरेश कुमार निवासी कैनाल रोड ने बताया कि चार जून को उन्होंने फेसबुक पर निवेश संबंधी एक लिंक देखा।
लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें 11-स्टार्ट अप मल्टीपल ग्रोथ वीआइपी ग्रुप में शामिल किया गया, जिसके एडमिन अभिजीत तालुकदार थे। 11 जून को वाट्सएप पर उनसे अभिषेक उम्मद नामक व्यक्ति ने बात की। अभिषेक उम्मद समय-समय पर दैनिक आधार पर उन्हें निवेश संबंधी मैसेज भेजने लगा। 20 जून 2025 को गूगल के माध्यम से उनसे एक एप डाउनलोड कराया। एप के माध्यम से शेयर खरीदने व बेचने संबंधी सलाह दी गई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने एक हजार रुपये से निवेश करना शुरू किया, जिसमें कुछ मुनाफा दिखा। इसके बाद उन्हें बल्क में शेयर खरीदने पर विवश किया गया। पांच अगस्त तक उन्होंने 44.50 लाख रुपये के शेयर खरीद लिए, लेकिन मुनाफे की रकम नहीं निकाल पाए। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने साइबर थाने में तहरीर दी। पीड़ित ने बताया कि साइबर ठगों ने उनकी जिंदगीभर की कमाई लूट ली।
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