Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुदरती नजारों के बीच उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म का क्रेज

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By:
    Updated: Thu, 21 May 2020 12:25 PM (IST)

    मौजूदा परिस्थितियों में सरकार की मंशा प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की है तो इसके पीछे बड़ा कारण इसका बढ़ता क्रेज ही है। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी यहां आते हैं।

    कुदरती नजारों के बीच उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म का क्रेज

    देहरादून, केदार दत्त। मौजूदा परिस्थितियों में सरकार की मंशा प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की है तो इसके पीछे बड़ा कारण इसका बढ़ता क्रेज ही है। बेहतर स्वास्थ के साथ ही सुकून के मद्देनजर वेलनेस के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी उत्तराखंड का रुख करते रहे हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गंगा किनारे बसी योगनगरी ऋषिकेश तो योग साधकों की पहली पसंद के रूप में उभरी है। वे न सिर्फ योग-ध्यान में रमे रहते हैं तो प्राकृतिक चिकित्सा के तहत आयुर्वेद-पंचकर्म, स्पा के जरिये स्वास्थ्य लाभ भी लेते रहे हैं। अब प्रदेश सरकार की कोशिशें रंग लाईं तो लोगों में वेलनेस का यही क्रेज यहां की आय का बड़ा जरिया बनेगा।

    वेलनेस के प्रति बढ़ते क्रेज को राज्य में बढ़ते वेलनेस सेंटरों के रूप में भी देखा जा सकता है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो ऋषिकेश, मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल, बागेश्वर व चंपावत क्षेत्रों में 172 के करीब योग-ध्यान केंद्र अस्तित्व में आ चुके हैं। 

    इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर 43 स्पा केंद्र और 62 पंचकर्म सेंटर संचालित हो रहे हैं। लॉकडाउन से पहले तक इन सभी स्थानों में वेलनेस के लिए सैलानियों की आमद खूब रही है। वेलनेस को आने वाले सैलानी योग एवं आयुर्वेद से उपचार कराने के साथ ही यहां की खूबसूरत वादियों में सुकून महसूस करते रहे हैं।

    ऋषिकेश में तो न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों से भी साधक आते रहे हैं और कुदरती नजारों के बीच वे गंगा तट पर योग साधना में लीन रहते हुए अलग ही आनंद की अनुभूति करते आए हैं। अब जबकि परिस्थितियां बदली हैं तो वेलनेस को मौजूदा दौर में पर्यटन का कारगर विकल्प माना जा रहा है। 

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड आइए और होम स्टे में कीजिए वर्क फ्रॉम होम, जानिए क्या है योजना

    संस्कृति, रागा व योग निकेतन केंद्र मुनिकी रेती के संचालक सीए चंद्रशेखर कहते हैं कि 'योग, ध्यान, पंचकर्म वेलनेस के महत्वपूर्ण अंग हैं और समूचा ऋषिकेश क्षेत्र की इसमें बड़ी भूमिका है। बदली परिस्थितियों में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए वेलनेस टूरिज्म बड़ी संभावना वाला क्षेत्र है। इस पर फोकस करना वक्त की मांग है।

    यह भी पढ़ें: अब सेहत संग आर्थिकी भी संवारेगा वेलनेस टूरिज्म, दी जाएंगी रियायतें भी

    comedy show banner
    comedy show banner