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    Dehradun Coronavirus Update: फिर चरम पर कोरोना संक्रमण, शहर में सैनिटाइजेशन हवा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Fri, 16 Apr 2021 10:05 AM (IST)

    कोरोना का प्रभाव फिर चरम पर है मगर दून शहर में सैनिटाइजेशन का कोई अता-पता नहीं। हालात यह हैं कि कोरोना संक्रमण वृद्धि में दून शहर प्रदेश में सबसे ऊपर चल रहा है और कंटेनटमेंट जोन की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही।

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    फिर चरम पर कोरोना संक्रमण, शहर में सैनिटाइजेशन हवा।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना का प्रभाव फिर चरम पर है, मगर दून शहर में सैनिटाइजेशन का कोई अता-पता नहीं। हालात यह हैं कि कोरोना संक्रमण वृद्धि में दून शहर प्रदेश में सबसे ऊपर चल रहा है और कंटेनटमेंट जोन की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही, लेकिन लगता है नगर निगम अब भी नींद में है। पिछले साल चरणबद्ध तरीके से सैनिटाइजेशन अभियान चलाने में जुटा नगर निगम इस बार सार्वजनिक स्थल तो दूर, कंटेंटमेंट जोन में भी सैनिटाइजेशन नहीं कर रहा। हालांकि, नगर निगम दावा कर रहा कि वह लगातार सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहा है। दावा यह भी है कि शहर में 20 इलेक्ट्रिक मशीनों और 100 वार्ड में 250 हैंड-मशीनों से नियमित सैनिटाइजेशन किया जा रहा।..मगर इसका सच कहीं भी नजर नहीं आ रहा। 

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    प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वापसी फिर आमजन को डरा रही है। गुजरे तीन दिन में जिस तेजी से मामले बढ़े हैं, उससे आमजन की चिंता और बढ़ गई है। बात अकेले दून शहर की करें तो यहां गुजरे तीन दिन में दो हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज व गुरूवार को 900 से अधिक मामले सामने आए। गत फरवरी में शहर में जहां एक भी कंटेंटमेंट जोन नहीं था, वहां अब तीन दर्जन से अधिक कंटेंटमेंट जोन बन चुके हैं।

    शहर में संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा और सैनिटाइजेशन का जिम्मा संभालने वाला दून नगर फिलहाल नींद में है। आमजन इंतजार कर रहा कि निगम टीम उनके यहां पहुंचकर हर गली-मोहल्ले को सैनिटाइज करेगी मगर हर दिन निराशा हाथ लग रही। इसका बड़ा कारण यह भी है कि वार्डों में हैंड-मशीनों को पार्षदों के जिम्मे दिया गया है, जो सिर्फ अपने खास क्षेत्रों तक सीमित हैं। बाकी क्षेत्र भगवान भरोसे चल रहे। वार्डों में नियमित सैनिटाइजेशन तो दूर, यहां मुख्य सड़कों पर भी नियमित दवा छिड़काव तक नहीं किया जा रहा। 

    गायब हुए निगम के टैंकर

    गत वर्ष अप्रैल में नगर निगम ने शहर को सैनिटाइज करने के लिए उत्तर प्रदेश से 50 टैंकर मंगाए थे। इनके जरिये मेगा अभियान चलाकर वार्डों को सैनिटाइज करने का दावा किया गया था, लेकिन इस बार नगर निगम इस दिशा में सोचने को भी राजी नहीं दिख रहा। पिछले वर्ष जनता कफ्र्यू से 10 अप्रैल तक नगर निगम ने शहर में पांच लाख 41 हजार 530 लीटर मिश्रण का छिड़काव किए जाने का दावा किया था, लेकिन इस मर्तबा धरातल पर कुछ नहीं। 

    खुद संभाल रहे जिम्मेदारी

    सैनिटाइजेशन को लेकर नगर निगम की लापरवाह कार्यशैली से परेशान आमजन व संस्थाओं ने खुद ही अपने-अपने क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का कार्य शुरू कर दिया है। महाकाल के दीवाने सामाजिक संस्था की ओर से गुरूवार को दुर्गा मंदिर सर्वे चौक, श्री गुरुद्वारा नानकसर और राजपुर प्राचीन मंदिर समेत कईं स्थलों पर सैनिटाइजेशन का कार्य किया गया। इस दौरान संस्था के अमित कुमार पारिक, अंकुर जैन, रोशन राणा, दीपक सेेठी, अक्षत जैन और राहुल माटा आदि शामिल रहे। 

    आरोप गिराते हैं कर्मियों का मनोबल

    सैनिटाइजेशन अभियान को लेकर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि हर वार्ड में सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है। हालांकि, उनका कहना है कि दून नगर निगम ने पिछले साल प्रदेश में सबसे बेहतर कार्य सैनिटाइजेशन में किया। इसके बावजूद मीडिया के एक वर्ग द्वारा सूचना के अधिकार में मिली गलत जानकारी के जरिये नगर निगम पर सैनिटाइजर खरीद में घोटाले का आरोप लगा दुष्प्रचार किया गया।

    इससे उन सफाई कर्मचारियों का मनोबल टूटा है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना और रात-दिन एक कर शहर में स्वच्छता कार्य में जुटे हुए हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि गलत आरोपों के बावजूद नगर निगम अपना कार्य ईमानदारी से कर रहा है। हर वार्ड में मशीनें हैं और दवा का छिड़काव किया जा रहा है। सरकारी दफ्तरों व कंटेंटमेंट जोन में भी दवा का छिड़काव हो रहा। 

    महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि हमारे कर्मचारी आमजन की सुरक्षा व कुशल स्वास्थ्य के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हां, कुछ छोटी गलियों में ऐसी शिकायत जरूर हो सकती है कि वहां दवा का छिड़काव न हुआ हो लेकिन शहर की सभी मुख्य सड़कों, कालोनियों, मोहल्लों में सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। जहां कोई कसर रह गई है, वह दूर कर ली जाएगी।

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