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    दुष्‍कर्म करने वाले को दस व देह व्यापार में तीन को सात साल की सजा

    By gaurav kalaEdited By:
    Updated: Sun, 16 Oct 2016 07:05 AM (IST)

    तीन साल पहले बिहार की युवती से दुष्‍कर्म करने और वेश्‍यावृ‍ति में धकेलने के मामले में कोर्ट ने चार लोगों को कठोर सजा सुनाई गई है।

    विकासनगर, [जेएनएन]: तीन साल पहले देहरादून के रेलवे प्लेटफार्म पर बिहार की बदहवाश हालत में मिली युवती के मामले में चार लोगों को कठोर सजा सुनाई गई है। अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान ने 29 जून 2013 के मामले में दुराचार करने पर मुख्य आरोपी को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई।
    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद बहुगुणा ने बताया कि 30 जून 2013 को जिला छपरा बिहार की एक युवती ने जीआरपी देहरादून में तहरीर दी थी कि करीब सवा महीने पहले उसकी चचेरी बहन उसे बिहार से लेकर आयी थी और बाला निवासी फतेहपुर हरबर्टपुर के यहां रखा था।
    करीब दस दिन बाद बाला ने उसे तीस हजार रुपये में सतबीर निवासी शामली यूपी को बेच दिया था। सतबीर ने उसके साथ दुराचार किया। 29 जून को सतबीर उसे शामली से फतेहपुर बाला देवी के यहां पर लेकर आया।
    विरोध करने पर बाला के पति, बेटे व सतबीर ने उससे मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। तहरीर में यह भी कहा गया था कि ये लोग वेश्यावृत्ति के लिए बिहार से लड़कियां भी लाते थे और बेचकर पैसे कमाते थे।
    किसी तरह से वह इन लोगों के चंगुल से निकल भागी और देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंच गयी, जहां पर कुछ लोगों ने उसे जीआरपी थाने पहुंचाया। सीओ जया बलोनी व कोतवाल जीएस दसौनी ने मामले की जांच की थी।

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    जांच उपरांत पुलिस ने बाला देवी पत्नी सतपाल यादव, सतपाल यादव पुत्र जगपाल, नरेंद्र कुमार पुत्र नत्थू सिंह निवासीगण सिनेमा रोड हस्तिनापुर मेरठ, सुनीता पत्नी वेदप्रकाश निवासी फतेहपुर हरबर्टपुर, कल्पना उर्फ मलदेई पत्नी अवधेश निवासी ग्राम गोदना थाना सिसिर गंज जिला छपरा बिहार, मोसीन खान पुत्र सलीम खान, समीम पुत्र सलीम खान, शकीला बानो पत्नी सलीम खान निवासगण दुर्गा चौक नया गांव बद्रीपुर थाना नेहरु कालोनी देहरादून, अब्बास पुत्र शरीफ निवासी गली नंबर एक सीमापुरी दिल्ली के खिलाफ दुराचार, देह व्यापार अधिनियम, षड़यंत्र आदि धाराओं में मामला दर्ज किया।

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    जबकि आरोपी सतबीर की मौत होने के कारण उसे आरोपी नहीं बनाया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश की। अधिवक्ता अजय कुमार बडोनी व मनोज शर्मा ने पांच गवाह परिक्षित कराए।
    एडीजे मोहम्मद सुल्तान ने साक्ष्य अभाव में आरोपी सुनीता, शमीम, शकीला बानो, अब्बास व कल्पना को दोष मुक्त कर दिया। अभियुक्त बाला, सतपाल, मोसीन खान को अपहरण मारपीट व देह व्यापार अधिनियम मामले में दोषी पाते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी और विभिन्न धाराओं में पचास हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। जबकि दुराचार की धारा में अभियुक्त नरेंद्र को दस साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया और पचास हजार रुपये अर्थदंड लगाया।

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