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निजी अस्पतालों में भी होगा भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज, सचिव स्वास्थ्य ने जारी किए निर्देश

निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज यदि कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो उनका इलाज उसी अस्पताल में भी हो सकता है। बशर्ते उस अस्पताल में कोरोना मरीज की जांच की सभी सुविधाएं हों।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 09:21 PM (IST)
निजी अस्पतालों में भी होगा भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज, सचिव स्वास्थ्य ने जारी किए निर्देश
निजी अस्पतालों में भी होगा भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज, सचिव स्वास्थ्य ने जारी किए निर्देश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज यदि कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं, तो उनका इलाज उसी अस्पताल में भी हो सकता है। बशर्ते उस अस्पताल में कोरोना मरीज की जांच की सभी सुविधाएं हों। ये निजी अस्पताल अपनी ही निर्धारित दरों पर इलाज कर सकते हैं। हालांकि, इन्हें यह उपचार केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार करना होगा और रोगी के संबंध में सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी अथवा नोडल जिला सर्विलांस अधिकारी को रियल टाइम में उपलब्ध करानी होगी। 

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प्रदेश में अभी तक केवल सरकारी अस्पतालों में ही कोराना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके लिए अभी तक निजी अस्तपाल अधिकृत नहीं थे। निजी अस्पतालों में केवल गैर कोरोना मरीजों का ही इलाज हो रहा था। इलाज के दौरान यदि जांच में किसी मरीज में कोरोना संक्रमण की बात सामने आती थी तो फिर निजी अस्पतालों को ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भेजना पड़ता था। इससे रोगियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों में भर्ती होने के बाद किसी मरीज में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उनका उसी अस्पताल में इलाज को स्वीकृति प्रदान कर दी है। सचिव अमित सिंह नेगी द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना संक्रमित की जांच आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार की जाएगी। ऐसे अस्पतालों का क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण होना जरूरी है। 

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अस्पतालों में ऐसे रोगियों को रखने के लिए अलग वॉर्ड और ब्लॉक होने चाहिए। इनमें आपातकालीन सेवाएं होनी चाहिए, जहां 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिक स्टॉफ तैनात हों। यहां आइसीयू और फार्मेसी की 24 घंटे सुविधा होनी चाहिए। आइसोलेशन वार्ड के प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होनी चाहिए। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अस्पतालों में भर्ती संक्रमित रोगियों की आवश्यकता पडऩे पर कोरोना की जांच अधिकृत निजी पैथलॉजी लैब में सरकार द्वारा तय दरों पर की जाएगी।

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