coronavirus Effect: चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया, बदरी-केदार के कपाट खुलने की तिथि बदली
चारधाम यात्रा पर कोरोना वायरस का असर पड़ा है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में बदलाव किया गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दृष्टिगत चारधाम के कपाट खुलने को लेकर चला आ रहा असमंजस सोमवार को दूर हो गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और टिहरी राज परिवार के मध्य हुई बैठक में बदरीनाथ व केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथियों में बदलाव का निर्णय लिया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट अब 15 मई को सुबह साढ़े चार बजे खुलेंगे, जबकि गाडू घड़ा यात्रा की परंपरा का निर्वहन पांच मई को होगा। केदारनाथ के संबंध में तय किया गया कि धार्मिक परंपरानुसार संबंधित धर्माचार्यों से विमर्श कर कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को बैठक बुलाई गई है। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट पूर्व निर्धारित तिथि यानी अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को ही खुलेंगे।
पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बदरीनाथ के कपाट 30 और केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले जाने थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसे लेकर असमंजस बना हुआ था। परंपरानुसार बदरीनाथ व केदारनाथ के कपाट खुलते वक्त उनके रावलों का रहना आवश्यक होता है। जब तिथियां तय हुई तब दोनों धामों के रावल दक्षिण भारत में थे। इससे तय तिथियों पर कपाट खुलने को लेकर संशय अधिक गहरा गया था। हालांकि, दोनों धामों के रावल अब पहुंच चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन के तय प्रोटोकाल और राज्य की व्यवस्था के हिसाब से उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन में भी रहना है।
इस सबको देखते हुए सरकार ने बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के संबंध में फैसला टिहरी राज परिवार पर छोड़ दिया था। परंपरानुसार कपाट खुलने के अवसर पर रावल के न पहुंच पाने या अन्य किसी स्थिति में टिहरी राज परिवार के पास ये अधिकार है कि वह तिथियों में बदलाव कर सकता है या फिर अपने किसी प्रतिनिधि को कपाट खोलने को नामित कर सकता है। मौजूदा परिस्थितियों के दृष्टिगत विचार-विमर्श के बाद सोमवार को टिहरी के राजा मनुजेंद्र शाह ने बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव का एलान किया। बदरीनाथ धाम के कपाट अब 15 मई को सुबह साढ़े चार बजे खुलेंगे। पहले कपाट खुलने की तिथि 30 अपै्रल निर्धारित थी।
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बदरीनाथ व केदारनाथ के संबंध में बैठक हुई। इसमें टिहरी राज परिवार की ओर से सासद माला राज्यलक्ष्मी शाह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने भाग लिया। बैठक में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में बदलाव पर निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात के मद्देनजर केंद्र के दिशा- निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना है। उधर, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित करने के लिए रावल, हक-हकूकधारियों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई गई है।
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क्वारंटाइन होंगे बदरी-केदार के रावल
बदरीनाथ और केदारनाथ के रावलों को 14 दिन की अवधि क्वारंटाइन में बितानी होगी। चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार केदारनाथ के रावल पहले ही ऊखीमठ पहुंच चुके हैं, जबकि बदरीनाथ के रावल सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे हैं। दोनों ही रावलों को स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत 14 दिन क्वारंटाइन में रहना है।
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