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गांधी अस्पताल में बढ़ा डिलीवरी का भार, दून मेडिकल कॉलेज से छिना, Coronavirus से जुड़ी है वजह

गांधी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल बन जाने के बाद डिलीवरी का पूरा बोझ गांधी शताब्दी अस्पताल पर पड़ गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 03:06 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 03:06 PM (IST)
गांधी अस्पताल में बढ़ा डिलीवरी का भार, दून मेडिकल कॉलेज से छिना, Coronavirus से जुड़ी है वजह

देहरादून, जेएनएन। गांधी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल बन जाने के बाद डिलीवरी का पूरा बोझ गांधी शताब्दी अस्पताल पर पड़ गया है। पर स्टाफ और संसाधन यहां सीमित हैं। इस कमी को दूर करने के लिए अब दून अस्पताल से कुछ चिकित्सकों और स्टाफ की ड्यूटी गांधी शताब्दी अस्पताल में लगाई गई है। इसके अलावा बेबी वॉर्मर, इनफ्यूजन पंप सहित कई उपकरण भी वहां भेजे गए हैं।

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दरअसल, प्रदेश में दून मेडिकल कॉलेज के स्त्री और प्रसूति रोग विभाग (दून महिला अस्पताल) में सर्वाधिक डिलीवरी केस आते हैं। जिले में इसी अस्पताल पर सबसे ज्यादा मरीजों का बोझ है। यहां तक कि गांधी शताब्दी अस्पताल में मैटरनिटी सेंटर खोलने के बाद भी दून महिला अस्पताल पर मरीजों का बोझ कम नहीं हुआ। पर अब दून मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित किया हुआ है।

यहीं कोरोना संक्रमित और संदिग्ध ज्यादातर मरीज भर्ती भी हैं। ऐसे में गांधी शताब्दी अस्पताल को महिला अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है, जिससे अस्पताल में एकाएक मरीजों का बोझ बढ़ गया है। बताया गया कि सामान्य दिनों में यहां रोजाना 5-6 डिलीवरी होती थी, जबकि बीते कुछ दिनों से रोजाना औसतन 10-15 डिलीवरी तक हो रही हैं। अस्पताल में गाइनी के 78 बेड हैं, पर स्टाफ उस अनुपात में कम है। यह कमी भी अब काफी हद तक पूरी कर दी गई है। 

दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि अस्पताल से एक बाल रोग विशेषज्ञ, एसएनसीयू से दो मेडिकल ऑफिसर, तेरह स्टाफ नर्स, दस सिस्टर और एक वॉर्ड ब्वॉय की ड्यूटी वहां लगाई है। वहीं, छह फोटो थेरेपी यूनिट, दस वॉर्मर, पांच इनफ्यूजन पंप और तीन एलएससीएस सेट भी गांधी शताब्दी अस्पताल को दिए हैं।

यह भी पढ़ें: coronavirus: उत्तराखंड में पूल टेस्टिंग से रोका जाएगा कोरोना का सामुदायिक फैलाव, जानिए क्या है पूल टेस्टिंग वहीं, गांधी शताब्दी एवं कोरोनेशन अस्पताल (जिला अस्पताल) के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला का कहना है कि अतिरिक्त डॉक्टर व स्टाफ मिल जाने से व्यवस्था बेहतर होगी। कहा कि वार्ड आया, सफाई कर्मी, सुरक्षा कर्मी, तीन एंबुलेंस व एंबुलेंस चालक की डिमांड भेजी गई है।

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