Move to Jagran APP

उत्तराखंड: कोरोना ने रोका सरकारी कार्मिकों के लिए अटल आयुष्मान योजना का रास्ता

अटल आयुष्मान योजना पर भी प्रहार किया है। कोरोना के कारण प्रदेश में अभी तक राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अटल आयुष्मान योजना शुरू नहीं हो पाई है। वहीं बायोमेट्रिक का काम रुका होने के कारण नए गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 04:21 PM (IST)
उत्तराखंड: कोरोना ने रोका सरकारी कार्मिकों के लिए अटल आयुष्मान योजना का रास्ता
कोरोना ने रोका सरकारी कार्मिकों के लिए अटल आयुष्मान योजना का रास्ता।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कोरोना ने अटल आयुष्मान योजना पर भी प्रहार किया है। कोरोना के कारण प्रदेश में अभी तक राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अटल आयुष्मान योजना शुरू नहीं हो पाई है। वहीं, योजना के अंतर्गत बायोमेट्रिक का काम रुका होने के कारण छह माह से योजना के अन्य पात्र लोगों के नए गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। इतना जरूर है कि अस्पतालों में जरूरत पड़ने पर मरीजों के गोल्डन कार्ड आरोग्य मित्रों के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। कोरोना की स्थिति थोड़ा सामान्य होने के बाद ही कर्मचारी, पेंशनरों के लिए यह योजना शुरू हो पाएगी और पात्र लोगों के नए गोल्डन कार्ड बन पाएंगे।

loksabha election banner

प्रदेश में 22 मार्च को लॉकडाउन के बाद से प्रदेश में आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया लटकी हुई है। पिछले करीब छह महीने से लाभार्थियों के कार्ड नहीं बन रहे हैं। इसके चलते कई बार मरीजों को परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ रहा है। वहीं, सरकारी कर्मचारी और पेंशनरों के लिए भी इसी कारण अटल आयुष्मान योजना शुरू नहीं हो पाई है। 

दरअसल, सरकार ने इसी साल फरवरी में इनके लिए भी अटल आयुष्मान योजना शुरू करने का निर्णय लिया। इसके अंतर्गत कार्मिक और पेंशनरों को चार श्रेणियों में बांटते हुए उन्हें वेतन के हिसाब से कैशलेस इलाज की सुविधा देने का निर्णय लिया गया। इस योजना पर काम शुरू हो पाता, तब तक प्रदेश में लॉकडाउन लागू हो गया। इसके बाद से ही कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए यह योजना शुरू नहीं हो पाई है। असल में इन्हें इस योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब इनके पास गोल्डन कार्ड होगा। 

प्रदेश में तकरीबन ढाई लाख कर्मचारी और पेंशनर हैं। इस योजना में कार्मिकों के स्वजनों को भी शामिल किया गया है। अगर एक परिवार में चार लोग भी जोड़े जाएं तो लाभार्थियों की संख्या तकरीबन 10 लाख बनती है। 10 लाख गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित किया जाना है। गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अंगुलियों का निशान बायोमेट्रिक मशीन में देना होता है, जिससे इलाज के दौरान यह देखा जा सके की कार्ड धारक को ही इसका इलाज मिल रहा है।

यह भी पढ़ें: रेडियोलॉजिस्ट का पंजीकरण तीन माह के लिए निलंबित, एक माह प्रशिक्षण की हिदायत; जानिए पूरा मामला

अटल आयुष्मान योजना प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि योजना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्ड बनाने की प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगना है। अभी बायोमेट्रिक के कारण कुछ समस्याएं आ रही हैं। ऐसे में कोरोना की स्थिति सामान्य होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: यहां कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड दबाए रहे अस्पताल, जानिए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.