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यहां कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड दबाए रहे अस्पताल, जानिए

स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के बीच तालमेल नहीं है। स्थिति ये कि प्रदेश के बड़े अस्पताल कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड अपने पास दबाए बैठे रहे। शनिवार को इसका पर्दाफाश खुद स्वास्थ्य विभाग ने यह कहते हुए किया कि अस्पतालों से अपडेट अब मिला है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 12:39 PM (IST)
कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड दबाए रहे अस्पताल।

देहरादून, जेएनएन। कोरोनाकाल में सरकारी स्तर पर दावे तो तमाम किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। यहां तक कि इस आपात स्थिति में भी स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के बीच तालमेल नहीं है। स्थिति ये कि प्रदेश के बड़े अस्पताल कोरोना संक्रमित 89 मरीजों की मौत का रिकॉर्ड अपने पास दबाए बैठे रहे। शनिवार को इसका पर्दाफाश खुद स्वास्थ्य विभाग ने यह कहते हुए किया कि अस्पतालों से अपडेट अब मिला है, जिसके बाद कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा चौबीस घंटे में ही 829 से बढ़कर 924 हो गया है, जबकि शनिवार को सिर्फ छह ही मौत हुई हैं।

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आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में सभी मेडिकल कॉलेजों को प्राचार्य, सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक व 19 निजी अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर मिशन निदेशक और चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी की ओर से भेजे गए नोटिस में इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की सूचना वक्त पर नहीं दे रहे हैं। कोरोना से किसी भी मौत की जानकारी उसी दिन अथवा विलंब से दूसरे दिन हर हाल में उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। पर कई बार तो अस्पताल अनुरोध करने पर सूचना उपलब्ध करा रहे हैं। 

अस्पताल प्रबंधनों को हिदायत दी गई थी कि कोरोना संक्रमित किसी मरीज की सूचना तुरंत ही स्टेट कंट्रोल रूम भेजें। ऐसा नहीं करने पर संबंधित अस्पताल के विरुद्ध कोरोना महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई तब अस्पतालों की नींद टूटी। कैलाश अस्पताल ने 28, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ने 24, दून मेडिकल कॉलेज ने 21, हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने पांच, जिला अस्पताल रुद्रपुर ने तीन और एम्स ऋषिकेश, मैक्स अस्पताल, विनय विशाल हॉस्पिटल रुड़की व जया मैक्सवेल हॉस्पिटल हरिद्वार ने दो-दो मौत रिपोर्ट की हैं। 

साफ है कि इस संवेदनशील घड़ी में भी सिस्टम किस कदर लापरवाह बना हुआ है। आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी एक्ट लागू होने के बाद भी अस्पतालों पर न कोई नियंत्रण दिख रहा है और न सरकार का कोई खौफ। कोरोनाकाल में भी अस्पताल मनमर्जी पर उतारू हैं। देखना यह होगा कि अभी और कितने अस्पताल आंकड़े दबाए बैठे हैं और विभाग की चेतावनी का इनपर क्या असर होता है।

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सीएम ने दिए सख्ती के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना का उपचार कर रहे सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रतिदिन निर्धारित समय पर स्वास्थ्य विभाग को अपने अस्पताल में कोरोना मरीजों से संबंधित जानकारी को अपडेट कराएं। शनिवार को ये जानकारी सामने आई कि कई अस्पतालों ने कोरोना से हुई कुल 89 मौत की जानकारी समय पर अपडेट नहीं कराई। इन सभी मौत की जानकारी को एक साथ शनिवार को कोरोना से मौत के मामलों में जोड़ा गया। इससे राज्य में कोरोना से मौत का आंकड़ा एकाएक बहुत ज्यादा बढ़ गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार देर रात जागरण से बातचीत में कहा कि सरकार ने इस मामले में अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं।

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