Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दून मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों और एंबुलेंस चालक में विवाद

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 11:41 AM (IST)

    दून मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती करने को लेकर चिकित्सक और एंबुलेंस चालक मंगलवार रात आमने-सामने आ गए।

    दून मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों और एंबुलेंस चालक में विवाद

    देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती करने को लेकर चिकित्सक और एंबुलेंस चालक मंगलवार रात आमने-सामने आ गए। चिकित्सकों ने आइसीयू खाली न होने की बात कहकर मरीज को एम्स ऋषिकेश ले जाने को कहा, जिससे एंबुलेंस चालक ने इन्कार कर दिया। उसका कहना था कि वह सुबह आठ बजे से ड्यूटी पर है। ऐसे में वह अब ऋषिकेश नहीं जा पाएगा। विवाद बढ़ा तो इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों के कहने पर गार्ड ने अस्पताल का गेट बंद कर दिया। ऐसे में एंबुलेंस चालक वाहन छोड़कर चला गया। अन्य एंबुलेंस चालकों ने भी इस मामले में सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों के समक्ष नाराजगी जताई है। बुधवार को उन्होंने आधे दिन एंबुलेंस का संचालन बंद रखा। बाद में अधिकारियों के मनाने पर वह काम पर लौटे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के अनुसार मंगलवार रात करीब 11:30 बजे सीएमओ कार्यालय से फोन जाने पर एक एंबुलेंस चालक मरीज को लेकर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा। वहां तैनात चिकित्सकों ने मरीज को भर्ती करने से इन्कार कर दिया। साथ ही मरीज को एम्स ऋषिकेश ले जाने को कहा। जिस पर एंबुलेंस चालक ने कहा कि वह खुद ही मरीज को रेफर कर वहां भिजवा दें। चिकित्सकों ने अस्पताल में भर्ती कम लक्षण वाले एक मरीज को तीलू रौतेली छात्रवास स्थित कोविड केयर सेंटर में ले जाने के लिए कहा। जिसके लिए एंबुलेंस चालक तैयार हो गया। जैसे ही वह गेट पर एंबुलेंस लेकर पहुंचा गार्ड ने गेट पर ताला लगा दिया।

    गार्ड ने बताया कि चिकित्सकों के निर्देश पर ऐसा किया गया है। उन्होंने ही एंबुलेंस को अस्पताल से बाहर जाने से रोकने को कहा है। इसे लेकर एंबुलेंस चालक भी गुस्से में आ गया और उसने कहा कि वह अब इस समय कहीं भी एंबुलेंस लेकर नहीं जाएगा। मरीज को अस्पताल में ही उतारकर उसने सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। चिकित्सकों का कहना है कि बिना लक्षणों वाले और कम गंभीर मरीजों को भी रात-रात को अस्पताल भेजा जा रहा है, जबकि उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उधर, सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है।

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में फीस में रियायत चाहते हैं मेडिकल के छात्र, सालाना देते हैं करीब सवा चार लाख