कहीं दूषित पानी न बिगाड़ दे आपकी सेहत, यहां करें शिकायत
बरसात में जलजनित रोगों का खतरा भी बढ़ गया है। जबकि जल संस्थान और पेयजल निगम अब भी नींद में हैं। न तो क्लोरीनेशन की व्यवस्था ही दुरुस्त है और न पानी की टेस्टिंग हो पा रही है।
देहरादून, जेएनएन। बरसात का सीजन शुरू हो चुका है और जलजनित रोगों का खतरा भी बढ़ गया है। जबकि, जल संस्थान और पेयजल निगम अब भी नींद में हैं। न तो क्लोरीनेशन की व्यवस्था ही दुरुस्त है और न पानी की टेस्टिंग हो पा रही है। दून वासियों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है ऐसे में उनकी सेहत भगवान भरोसे है।
शहर में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने की कोशिशों में जुटा जल संस्थान इस बार पानी की गुणवत्ता पर ध्यान देना भूल गया। हर बार बरसात शुरू होने से पहले ही क्लोरीनेशन और टेस्टिंग की व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाती थी, लेकिन इस बार विभाग नींद में नजर आ रहे हैं। शहर के कई इलाकों में नलकूपों पर डोजर या तो खराब हैं या उनमें केमिकल ही नहीं है। ऐसे में सप्लाई से पूर्व पानी शुद्ध होने की उम्मीद तो छोड़ ही दीजिए।
इसके अलावा वाटर वर्क में भी इस बार आधी-अधूरी तैयारी नजर आ रही है। यहां टेस्टिंग के लिए न तो सैम्पल लेने की जहमत उठाई जा रही है और न ही क्लोरीनेशन हो रहा है। यही नहीं शहर में जगह-जगह क्षतिग्रस्त पड़ी पेयजल लाइन लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रही हैं। क्षतिग्रस्त लाइनों से बारिश के पानी के साथ दूषित जल घरों में पहुंच रहा है। बरसात के सीजन में ही शहर में सबसे ज्यादा दूषित पानी की शिकायत आती हैं। वहीं, दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की भी लंबी फेहरिस्त है। इसी सीजन में अस्पतालों में जल जनित बीमारियों के मरीज खासे बढ़ जाते हैं।
आर्केडिया में डोजर खराब, लाइन क्षतिग्रस्त
आर्केडिया क्षेत्र में इन दिनों घरों में दूषित पानी की समस्या है। यहां बनियावाला में स्थित नलकूप में क्लोरीनेशन के लिए डोजर ही नहीं लगा है। जबकि, लंबिधार में नलकूप पर लगा डोजर खराब पड़ा है। क्षेत्र वासियों की शिकायत पर पेयजल निगम के अधिकारियों ने समस्या के समाधान का आश्वासन तो दिया है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि बरसात से पहले यहां व्यवस्था क्यों दुरुस्त नहीं की गई। इस क्षेत्र में योजना का निर्माण कार्य के चलते पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी भी पेयजल निगम की ही है। जबकि, क्षेत्र में कई जगह पेयजल लाइन भी आए दिन क्षतिग्रस्त हो रही है।
टेस्टिंग के लिए जल संस्थान की लैब
पानी की टेस्टिंग के लिए जल संस्थान के पास लैब तो है, लेकिन इस बार अभी तक यहां टेस्टिंग नहीं कि गई। हर बार बरसात शुरू होने से पहले से लेकर पूरे सीजन में समय-समय पर सैंपल लिए जाते हैं। इसकी टेस्टिंग के बाद क्लोरीनेशन की स्थिति पता की जाती है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सहयोग करती है।
दूषित पानी से कई बीमारियों का खतरा
दूषित जल में दो प्रकार के कारक होते हैं जो बीमारी पैदा करते हैं। पहले रोगजनक जीवाणु, विषाणु से पीलिया, पोलियो, गैस्ट्रो-इंटराइटिस, जुकाम, संक्रामक यकृत षोध, अतिसार, पेचिस, मियादी बुखार, अतिज्वर, हैजा, कुकुर खांसी, सूजाक, उपदंश, जठरांत्र शोथ, प्रवाहिका, क्षय रोग, पायरिया, पेचिस, निद्रारोग, मलेरिया, अमिबियोसिस रूग्णता, फाइलेरिया, हाइड्रेटिड सिस्ट रोग होते हैं।
विषैले तत्वों से स्वास्थ्य को नुकसान
अनेकों प्रकार के विषैले तत्व भी पानी के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचकर स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इन विषैले तत्वों में प्रमुख हैं कैडमियम, लेड, भरकरी, निकल, सिल्वर, आर्सेनिक आदि। जल में लोहा, मैंगनीज, कैल्सीयम, बेरियम, क्रोमियम कापर, सीलीयम, यूनेनियम, बोरान, तथा अन्य लवणों जैसे नाइट्रेट, सल्फेट, बोरेट, कार्बोनेट, आदि की अधिकता से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने बताया कि दूषित जल से कई रोग आसानी से हमें जकड़ लेते हैं। बच्चे और बुजुर्गों में यह ज्यादा घातक हो सकते हैं। बरसात में जल जनित बीमारी के मरीज बढ़ जाते हैं। पानी का क्लोरीनेशन बेहद जरूरी है। घरों में पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए।
मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि क्लोरीनेशन में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। यही कहीं डोजर खराब है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाएगा। केमिकल का भी ऑर्डर दिया गया है। टेस्टिंग के भी आदेश दिए गए हैं।
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यहां करें दूषित पानी की शिकायत
आपके क्षेत्र में दूषित पानी की समस्या है तो आप जल संस्थान के टोलफ्री नंबर 1800 180 4100 और लैंडलाइन नंबर 0135 2741400 पर शिकायत करें। इसके अलावा दैनिक जागरण से भी अपनी समस्या साझा कर सकते हैं। अपने क्षेत्र की समस्या हमें 9627616881 पर व्हाट्सएप के जरिए बताएं।
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