अभी नहीं कर सकेंगे ऋषिकेश के बजरंग सेतु की सैर! निर्माण में देरी, कब तक होगा पूरा?
ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण कार्य अधर में लटका है। दिसंबर 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य था लेकिन अब तक सिर्फ 80% काम हुआ है। लक्ष्मणझूला पुल बंद हो ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। बजरंग सेतु का निर्माण कार्य 30 जून तक भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। पहले पुल का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
अब तक पुल का 80 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। 25 दिन में लोक निर्माण विभाग पुल का काम कैसे पूरा कराएगा यह सवाल बना हुआ है। लोनिवि के अधिकारी तय समय में काम पूरा करने का प्रयास करने की बात कह रहे हैं।
टिहरी जिले के तपोवन और पौड़ी जिले के लक्ष्मणझूला को जोड़ने वाला करीब 92 साल पुराना लक्ष्मणझूला पुल पर सुरक्षा की दृष्टि से 13 जुलाई 2019 को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। इस पुल के समीप बजरंग सेतु का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर ने वर्ष 2022 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया था। इसे दिसंबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य था। 132.30 मीटर स्पान पुल को करीब 68.86 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। पुल के निर्माण की रफ्तार शुरू से ही धीमी रही। बार-बार पुल निर्माण की समय सीमा बढ़ाई गई।
अप्रैल आखिरी सप्ताह में लोक निर्माण विभाग की टीम ने पुल का निरीक्षण किया था। इसके बाद 30 जून तक काम पूरा करने की समय सीमा रखी गई थी। अब तक पुल का 80 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। 25 दिन में लोनिवि बचा हुआ 20 प्रतिशत काम किसी तरह पूरा करा पाएगा इस पर सवाल बना हुआ है।
यह है पुल की खासियत
मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के तहत बजरंग सेतु का निर्माण कार्य चल रहा है। इस झूला पुल की चौड़ाई आठ मीटर है। साल भर श्रद्धालुओं, पर्यटकों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए सेतु का डिजाइन किया गया है। इसमें केदारनाथ मंदिर की आकृति।
पैदल यात्रियों के लिए ग्लास डेक बनाया गया है। पुल के बीच में हल्के चौपहिया वाहनों का आवागमन प्रस्तावित है। श्रद्धालुओं, पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों, कारोबारियों के लिए भी पुल महत्वपूर्ण है।
कांवड़ यात्रा के लिए भी जरूरी है पुल
लक्ष्मणझूला पुल बंद होने से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रामझूला पुल और जानकी सेतु से आवाजाही करनी पड़ रही है। वर्ष 2023 में टिहरी प्रशासन ने रामझूला पुल पर भी दोपहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। पुल पर केवल पैदल यात्री ही आवागमन कर रहे हैं। जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होनी है।
कांवड़ यात्रा में उमड़ने वाली भीड़ जानकी सेतु से गुजरेगी। इससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी। जानकी सेतु पर दोपहिया वाहनों के संचालन की अनुमति है। बजरंग सेतु बनने से तपोवन से स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सीधे लक्ष्मणझूला जाने की सुविधा मिलती। अभी उन्हें रामझूला पुल और जानकी सेतु आना पड़ता है। नीलकंठ मार्ग जाने वाले लोग ब्रह्मपुरी से गरुड्चट्टी पुल से होकर जाते हैं।
बजरंग सेतु का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बीच में बारिश भी होती रही। पुल निर्माण में कई चुनौतियां भी आती रही। 30 जून तक पुल तैयार करने की कोशिश की जा रही है। - विजय मोघा, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, नरेंद्रनगर

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