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उत्तराखंड कांग्रेस ने की मितव्ययता के फैसले की आलोचना, कर्मियों के वेतन कटौती का विरोध

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मितव्ययता को लेकर सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं की जानी चाहिए।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 04:05 PM (IST)
उत्तराखंड कांग्रेस ने की मितव्ययता के फैसले की आलोचना, कर्मियों के वेतन कटौती का विरोध
उत्तराखंड कांग्रेस ने की मितव्ययता के फैसले की आलोचना, कर्मियों के वेतन कटौती का विरोध

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मितव्ययता को लेकर सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लॉकडाउन के 78 दिनों में मात्र तीन दिन ही घर से बाहर निकले। 

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मितव्ययता के नाम पर कर्मचारियों के वेतन की कटौती नहीं की जानी चाहिए। सरकार को इस मुश्किल दौर में कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले में कर्मचारियों के साथ मुस्तैदी से खड़ी है।   

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के मौके पर मुख्यमंत्री घर में ही कैद रहे। उनके इस व्यवहार का अनुसरण भाजपा सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों ने किया। ये सभी जनता के बीच से गायब हो गए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही जनता के दुखदर्द में उसके साथ हैं। मास्क, सेनिटाइजर समेत तमाम जरूरी सामग्री लोगों को बांटने में पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय हैं। 

विद्युत शवदाहगृह बनाए जाएं

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने सरकार से सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में विद्युत शवदाह गृह बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते शवों का दाह संस्कार करना बड़ी समस्या बन गया है। दाह संस्कार को लेकर भी राज्य के कई हिस्सों से लोगों के आपस में लड़ने झगड़ने की जानकारी मिल रही है। 

रोजगार वर्ष में त्रिवेंद्र सरकार का बेरोजगारों को तोहफा

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने 2020 को पहले रोजगार वर्ष घोषित किया और अब राज्य में सभी सरकारी विभागों में एक वर्ष तक के लिए सभी प्रकार की नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा कर राज्य के बेरोजगारों के साथ धोखा करने का काम किया है। 

उन्होंने राज्य सरकार के शाश्नादेश का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के सभी विभागों में नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर ठेका प्रथा से कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रावाधान किया है।

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इससे प्रदेश भर के वो सभी युवा घोर निराश हुए हैं जो रोजगार वर्ष में सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे थे। धस्माना ने कहा कि सरकार उत्तराखंड को ठेका कर्मचारी प्रदेश बनाना चाहती है। कोरोना का बहाना बना कर राज्य भर में सभी विभागों में नियुक्तियां बंद करने का फैसला अनुचित है और कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।

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