कैबिनेट में लिए गए एक फैसले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को लिया आड़े हाथ
कांग्रेस ने परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के खातों में एक हजार रुपये डालने के कैबिनेट के फैसले पर सरकार को घेरा है।
देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस ने एकबार फिर से सरकार को आड़े हाथ लिया है। इसबार मुद्दा राज्य सरकार की गुरुवार को हुई कैबिनेट का वो फैसले बना है, जिसमें पर्यटन और परिवाहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के खाते में एक हज़ार रुपए डालने की बात सरकार ने की है।
इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरकार ने परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ढाई लाख लोगों को एक हज़ार रुपए देने का ऐलान ऐसे किया है, मानों वो एकमुश्त एक लाख रुपये दे रहे हों। उन्होंने कहा कि 24 मार्च से लेकर अब तक साठ दिनों से ये सभी लोग, जिनका जिक्र सरकार ने किया है पूरी तरह से बेरोजगार हैं।
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि ये रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं। पोर्टर, गाइड, ड्राइवर-क्लीनर ये सभी लोग साठ दिनों से बिना काम के हैं और उन्हें हर दिन के हिसाब से सरकार अगर सवा सोलह रुपये देने की घोषणा कर रही है, तो ये सरकार का दिमागी दिवालियापन ही कहलाएगा। उनका कहना है कि सवा सोलह रुपये में तो सिर्फ आधा किलो आटा ही आएगा।
धस्माना ने ये भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन वन के घोषित होते ही इन लोगों के खाते में कम से कम पांच हज़ार रुपये डालने चाहिए थे, जिससे ये सम्मानजनक तरीके से घर-परिवार का पेट तो भर ही लेते। धस्माना ने कहा कि सरकार को तत्काल अपने फैसले को संशोधित करते हुए इन लोगों के खाते में पांच हजार रुपये महीने के हिसाब से डालने चाहिए।
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पर्यटन उद्योग, कारोबारियों और कार्मिकों को राहत
कोरोना संकट काल में लॉकडाउन से परेशानहाल प्रदेश के पर्यटन उद्योग, इससे जुड़े कारोबारियों और कर्मचारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। मंत्रिमंडल ने तय किया कि पर्यटन महकमे और अन्य विभागों में पर्यटन व्यवसाय में पंजीकृत एक लाख से ज्यादा इकाइयों में कार्यरत 2.15 लाख और ऑटो, ई-रिक्शा में पंजीकृत 27 हजार कर्मचारियों समेत कुल 2.43 लाख कार्मिकों को एकमुश्त एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीनदयाल होम स्टे योजना के तहत लिए गए ऋण पर अप्रैल से जून माह तक ब्याज नहीं देना होगा। इस ब्याज का भुगतान सरकार करेगी।
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