गायब फाइल मामले में बिना विभागीय जांच किए दे दी तहरीर, जानिए पूरा मामला Dehradun News
गायब फाइलों के मामले में निगम प्रशासन ने बिना विभागीय जांच कराए सीधे कोतवाली को तहरीर दी। पुलिस ने मुख्य नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले में पहले विभागीय जांच कराने को कहा है।
By Edited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 10:13 AM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। नगर निगम की अलमारी से भू संपत्ति से संबंधित गायब फाइलों के मामले में निगम प्रशासन ने बिना विभागीय जांच कराए सीधे कोतवाली को तहरीर दी थी। कोतवाली पुलिस ने मुख्य नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस मामले में पहले विभागीय जांच कराने को कहा है। उसके आधार पर ही पुलिस कार्रवाई करेगी। नगर निगम के भीतर अलमारी से भू दस्तावेजों के गायब होने संबंधी मामले में निगम बोर्ड ने एसआइटी से जांच कराने का प्रस्ताव पारित किया था।
एसआइटी की बजाए नगर निगम के किराया और रेकॉर्ड कीपर ने कोतवाली पुलिस को बीते गुरुवार को शिकायती पत्र दिया था। रेकॉर्ड कीपर राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा ने संबंधित शिकायत पत्र में कहा कि 27 मई 2019 को उन्हें किराया लिपिक के साथ रेकॉर्ड कीपर का चार्ज मिला था। पूर्व कीपर अवकाश पर चले गए थे। मुख्य नगर आयुक्त के मौखिक आदेश पर उन्होंने बिना चार्ज लिए रेकॉर्ड का प्रभार संभाला था। जब उन्हें भूमि संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए तो उन्होंने विभागीय अनुसेवक से दस्तावेज लाने को कहा था।
अनुसेवक ने बताया कि सफाई निरीक्षक के कमरे में चार अलमारी रखी है। जिनमें यह दस्तावेज है। रेकॉर्ड कीपर के अनुसार मुख्य नगर आयुक्त के मौखिक आदेश पर चाबी बनवाने वाले से ताला खुलवाया गया था। अलमारी के भीतर दस्तावेज नहीं मिले। रेकॉर्ड कीपर ने शिकायत पत्र में कहा कि 20 वर्ष पूर्व जब वह इसी पद पर तैनात थे तो एक अलमारी में संपत्ति के दस्तावेज रखे थे। लेकिन यह सभी अभिलेख अब गायब है। उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।
कोतवाली पुलिस के अधिकारियों ने जब एसएसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबंधित मामले की जानकारी दी तो सभी जगह से यह पूछा गया कि इस मामले में नगर निगम ने क्या कार्रवाई की। पुलिस ने जब नगर निगम से जानकारी ली तो जवाब मिला कि इस मामले में शिकायत पत्र दिया गया है। कोतवाली पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त को पत्र भेजा है।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि इस तरह के मामलों में पहले विभागीय जांच होती है और जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस के पास शिकायत पत्र भेजा जाता है। संबंधित मामले में कोई विभागीय जांच नहीं हुई है। सीधे शिकायत पत्र पुलिस को दे दिया गया है। मुख्य नगर आयुक्त को संबंधित मामले में विभागीय जांच कराने को कहा गया है। विभागीय जांच होने के बाद मिलने वाले शिकायत पत्र के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
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